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दुश्मन की पहचान कर खुद गोली मारेगी ये बंदूक! जानिए क्या है इस गन की खासियत...

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भारत की रक्षा तकनीक में एक और ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए, देश ने एक ऐसा स्वदेशी हथियार विकसित कर लिया है जो अब खुद दुश्मनों को पहचान कर गोली चला सकता है। देहरादून स्थित BSS मटेरियल कंपनी द्वारा विकसित यह AI-आधारित ऑटोनॉमस लीथल वेपन सिस्टम हाल ही में 14,000 फीट की ऊंचाई पर सेना के साथ मिलकर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह हथियार इज़रायली IMI नेगेव NG-5 मशीन गन पर आधारित है, लेकिन इसमें जोड़ी गई भारतीय AI तकनीक इसे खास और भविष्य के युद्धों के लिए तैयार बनाती है।

क्या है इस AI मशीन गन की खासियत?

  • स्वचालित पहचान और फायरिंग: इसमें लगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या दुश्मन को पहचान सकता है और खुद ही ट्रिगर दबाकर फायर कर सकता है।

  • उच्च ऊंचाई पर टेस्टिंग: हथियार का परीक्षण कठिन सीमाई इलाके में 14,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया, जहां तापमान और ऑक्सीजन की कमी जैसी चुनौतियाँ रहती हैं।

  • भारतीय सेना का सहयोग: यह परीक्षण सेना और BSS मटेरियल के संयुक्त प्रयास से सफल हुआ है।

IMI नेगेव NG-5 की टेक्निकल ताकत

  • वजन: 7.65 किलोग्राम

  • कैलिबर: 5.56×45mm NATO

  • फायरिंग रेट: 850–1050 राउंड प्रति मिनट

  • गति: 915 मीटर/सेकंड

  • रेंज: 300 से 1000 मीटर (अधिकतम 1200 मीटर)

  • फीडिंग सिस्टम: 150–200 राउंड की बेल्ट या 35 राउंड की मैगजीन

'मेक इन इंडिया' को मिलेगी रफ्तार

यह हथियार सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों का भी प्रत्यक्ष उदाहरण है। सीमाई इलाकों में जहां जवानों की तैनाती जोखिम भरी होती है, वहां यह AI हथियार एक बड़ा विकल्प बनकर उभरेगा।

भविष्य की जंग का चेहरा बदलेगा

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक सीमाओं की निगरानी, आतंकवाद विरोधी अभियानों और दुर्गम इलाकों में लड़ाई की परिभाषा को बदल देगी। सैनिकों का जीवन सुरक्षित रहेगा और दुश्मनों को जवाब तगड़ा मिलेगा।

AI और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से भारतीय सेना अब भविष्य की लड़ाइयों के लिए पहले से कहीं ज्यादा तैयार दिख रही है। स्वदेशी तकनीक के सहारे बनाया गया यह स्मार्ट हथियार भारत की रक्षा क्षमताओं में ऐतिहासिक इजाफा करेगा।

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