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डायबिटीज से लेकर कोलेस्ट्रॉल तक कई समस्याओं में बेहद गुणकारी हैं ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स

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लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low Glycemic Index) फूड्स वे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 55 या उससे कम होता है। ये फूड्स धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड में शुगर लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं, जिससे ऊर्जा का स्थिर स्त्रोत मिलता है और भूख भी नियंत्रित रहती है। डायबिटीज एक गंभीर समस्या है जिससे इन दिनों कई लोग प्रभावित है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए low glycemic index foods बेहद फायदेमंद होते हैं।

कुछ सामान्य लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स इस प्रकार हैं-

फल:

  • सेब
  • नाशपाती
  • चेरी
  • संतरा
  • स्ट्रॉबेरी
  • पपीता

सब्जियां:

  • ब्रोकोली
  • पालक
  • टमाटर
  • गाजर (कच्ची)
  • फूलगोभी
  • हरी पत्तेदार सब्जियां

अनाज और दालें:

  • जई का दलिया (ओटमील)
  • ब्राउन राइस
  • क्विनोआ
  • मूंग दाल
  • मसूर दाल

डेयरी उत्पाद:

  • कम वसा वाला दूध
  • दही (गैर-शक्करयुक्त)

अन्य:

  • नट्स (बादाम, अखरोट)
  • बीज (चिया, फ्लैक्ससीड)
  • होल ग्रेन ब्रेड (साबुत अनाज की ब्रेड)

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स खाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है और यह विशेष रूप से डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स के फायदे-

  1. ब्लड शुगर नियंत्रण:

    • लो GI फूड्स धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड शुगर लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहता है। यह विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायक है।
  2. भूख और वजन प्रबंधन:

    • ये फूड्स धीरे-धीरे पचते हैं और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे अधिक खाने की इच्छा कम होती है और वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  3. दिल के स्वास्थ्य में सुधार:

    • लो GI फूड्स का सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और हृदय रोगों का जोखिम कम होता है।
  4. ऊर्जा का स्थिर स्त्रोत:

    • लो GI फूड्स धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे दिनभर में ऊर्जा का स्थिर स्त्रोत मिलता है और थकान कम होती है।
  5. डायबिटीज का खतरा कम करना:

    • नियमित रूप से लो GI फूड्स का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।
  6. मूड और मानसिक स्वास्थ्य:

    • स्थिर ब्लड शुगर लेवल से मूड में स्थिरता बनी रहती है और चिड़चिड़ापन कम होता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
  7. प्रदाह (इंफ्लेमेशन) कम करना:

    • लो GI फूड्स खाने से शरीर में सूजन (प्रदाह) कम होती है, जिससे कई दीर्घकालिक बीमारियों का खतरा कम होता है।
  8. पाचन स्वास्थ्य में सुधार:

ये फूड्स फाइबर से भरपूर होते हैं, जिससे पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

क्या होता है  ग्लाइसेमिक इंडेक्स ?

ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक स्केल है जो विभिन्न खाद्य पदार्थों में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को 0 से 100 तक मापता है। यह स्केल बताता है कि किसी विशेष खाद्य पदार्थ का सेवन करने के बाद आपके शरीर में शुगर लेवल कितनी तेजी से बढ़ेगा। इस स्केल पर जितनी कम संख्या होती है, वह भोजन उतना ही अधिक पौष्टिक माना जाता है और उससे शुगर लेवल धीरे-धीरे बढ़ता है। इसलिए, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।

हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स-

0 से 55 तक के ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स कहा जाता है। 56 से 69 के बीच के ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को मीडियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स और 70 से 100 तक के ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स कहा जाता है।

 

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