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(Special Story) कोई भी देश अपने आप को तब सुरक्षित महसूस करता है जब उसके जांबाज सिपाही सीमा पर सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हर वक्त मुस्तैद रहते हैं। सैनिकों के असाधारण साहस, अटूट प्रतिबद्धता और सर्वोच्च बलिदान के लिए सारा देश उनको शत-शत नमन करता है। देश की सेनाएं हमारे लिए प्राण वायु की तरह हैं जब तक ये अपना काम कर रही हैं तब तक हम अपने आप को बिल्कुल सुरक्षित महसूस करते हैं।
क्यों मनाया जाता है आर्म्ड फोर्सेज डे?
सैनिकों के शौर्य को सम्मान देने के लिए हर साल मई के तीसरे शनिवार को "सशस्त्र सेना दिवस"(आर्म्ड फोर्सेज डे) मनाया जाता है और इस साल यह 18 मई को है। इस दिन संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों की सेवा करने वाले पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि दी जाती है। यह दिन राष्ट्र को लगातार सुरक्षा प्रदान करने के लिए अमेरिका के सैन्य बलों का सम्मान करता है। पहला सशस्त्र सेना दिवस 20 मई, 1950 को मनाया गया था। इस दिन परेड, ओपन हाउस, रिसेप्शन और एयर शो आयोजित किए गए थे। इसके अलावा, 1962 में, राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सशस्त्र सेना दिवस को आधिकारिक अवकाश के रूप में स्थापित किया। यह प्रत्येक मई के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। सशस्त्र सेना दिवस परेड ब्रेमरटन, वाशिंगटन में आयोजित की गई।
दुनिया के कई देश मनाते हैं आर्म्ड फोर्सेज डे
सशस्त्र सेना दिवस समारोह केवल संयुक्त राज्य अमेरिका तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य देश भी इस विजयी दिवस का सम्मान करते हैं जिनमें आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अजरबैजान, बांग्लादेश, बुल्गारिया, बर्मा, कनाडा, चिली, चीन, क्यूबा, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस शामिल हैं। , जॉर्जिया, ग्वाटेमाला, हंगरी, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, जापान, लेबनान, माली, मलेशिया, मॉरिटानिया, मैक्सिको, उत्तर कोरिया, फिलीपींस, पोलैंड, रोमानिया, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्पेन, थाईलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम , वेनेजुएला और वियतनाम शामिल हैं।
क्या है इसका इतिहास?
राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने सशस्त्र सेना दिवस की स्थापना के प्रयास का नेतृत्व किया। 31 अगस्त, 1949 को, रक्षा सचिव लुईस जॉनसन ने अलग-अलग सेना, नौसेना, मरीन कॉर्प्स, यूएस कोस्ट गार्ड और वायु सेना दिवस के स्थान पर सशस्त्र बल दिवस के निर्माण की घोषणा की। पहला सशस्त्र सेना दिवस 20 मई, 1950 को मनाया गया था। इस दिन परेड, ओपन हाउस, रिसेप्शन और एयर शो आयोजित किए गए थे। इसके अलावा, 1962 में, राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सशस्त्र सेना दिवस को आधिकारिक अवकाश के रूप में स्थापित किया।
देश की सेना में काम करना गौरव की बात तो है ही इसके अलावा साहस और बलिदान का परिचायक भी है। अगर आप देश की सेवा करने का जुनून रखते हैं, तो दुनिया की सम्मानित सेनाओं में से एक भारतीय सेना में भर्ती होकर आप भी अपना सपना पूरा कर सकते हैं। अगर आप भी वर्दी पहनकर देश की सेवा करना चाहते हैं तो विभिन्न प्रकार की भर्तियां हैं जिनमें से एक चुन कर आप भारतीय सेना में अपना करियर बना सकते हैं।
नेशनल डिफेंस एकेडमी, भारतीय सशस्त्र बलों का जॉइंट डिफेंस सर्विस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है। यहां भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के लिए सभी सैन्य उम्मीदवार प्रशिक्षण लेते हैं। वे सभी अपने संबंधित प्रशिक्षण अकादमियों में जाने से पहले यहां एक साथ प्रशिक्षण लेते हैं। केवल 16½ से 19½ वर्ष की आयु के बीच के अविवाहित पुरुष ही आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या बोर्ड से 12वीं पास की हो। यहां आने के लिए उम्मीदवारों को यूपीएससी द्वारा आयोजित NDA लिखित परीक्षा पास करनी होती है और इसके बाद सर्विस सिलेक्शन बोर्ड का इंटरव्यू पास करना होता है। इंटरव्यू राउंड पास करने पर, उम्मीदवार को मेडिकल टेस्ट भी पास करना होता है। इन तीन राउंड के आधार पर, अंतिम मेरिट लिस्ट बनती है। चयनित उम्मीदवारों को 3 साल के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।
कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जामिनेशन (CDS) एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जिसे यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) द्वारा भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों की भर्ती के लिए आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा साल में दो बार होती है और इसमें तीन चरण होते हैं। इसमें लिखित परीक्षा, SSB इंटरव्यू और मेडिकल की परीक्षा होती है। CDS परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की उम्र 20 से 24 साल के बीच होनी चाहिए।
जज एडवोकेट जनरल सेना को कानून से संबंधित मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होता है। वह विशेष रूप से कोर्ट-मार्शल से सम्बंधित कार्य करता है। जज एडवोकेट जनरल बनने के लिए आपकी उम्र 21-27 वर्ष होनीं चाहिए और आप अविवाहित महिला/पुरुष होने चाहिए। इसके साथ ही आपने 55% मार्क्स के साथ एलएलबी की पढाई पूरी कर ली हो। आप बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य हों या उसके पात्र हों। इसके अलावा, उम्मीदवार के पास पिछले वर्ष का CLAT PG स्कोर होना अनिवार्य है (LLM कर रहे या कर चुके उम्मीदवारों सहित) के लिए अनिवार्य है। शॉर्टलिस्ट हुए छात्र SSB इंटरव्यू देते हैं, उसके बाद मेडिकल टेस्ट होता है। सफल उम्मीदवार मेरिट लिस्ट में अपना स्थान बनाते हैं। सिलेक्टेड उम्मीदवारों को इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया जाता है।
उम्मीदवार टेक्निकल स्कीम के जरिए भी भारतीय सेना में शामिल हो सकते हैं। एक साल में दो बार इस भर्ती का आयोजन होता है। इस परीक्षा के लिए केवल अविवाहित पुरुष उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं। इसमें जाने के लिए आपकी उम्र 16½ से 19½ वर्ष के बीच होनी चाहिए। छात्र ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ 12वीं की परीक्षा को कुल 60% और उससे अधिक मार्क्स के साथ पास किया हो। इसके साथ ही बी.ई./बी.टेक के लिए जेईई(मेन्स) की परीक्षा दी हो। इन दोनों शर्तों के पूरा होने पर ही आप इस भर्ती के लिए अप्लाई कर सकते हैं। उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनके 12वीं के मार्क्स के आधार पर किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें सर्विस सिलेक्शन बोर्ड द्वारा आयोजित SSB के लिए उपस्थित होना होगा। उसके बाद उन्हें एक मेडिकल टेस्ट देकर मेरिट लिस्ट का इंतज़ार करना होता है। चयनित उम्मीदवारों को फिर उनकी पसंद की स्ट्रीम में बी.ई. कोर्स में एनरोल किया जाता है। उन्हें सेना में 4 साल का परीक्षण दिया जाता है, जिसे पूरा करने पर उन्हें लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त किया जाता है।
अग्निवीरों को चार साल की सर्विस के लिए चुना जाता है। सर्विस पीरियड खत्म होने के बाद करीब 25% अग्निवीरों को परमानेंट जॉब दी जाती है। अग्निवीर बनने के लिए छात्र को कक्षा 10 वीं/मैट्रिक में कुल 45% मार्क्स लाने होते हैं। अगर आपके स्कूल में किसी अन्य ग्रेडिंग प्रणाली का पालन होता है तो, उसमें भी आपको कुल मिलाकर 45% के बराबर मार्क्स लाने होंगे। उम्मीदवार की उम्र 17½ से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अग्निवीरों को चुनने के लिए एक ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा होती है जिसमें टाइपिंग टेस्ट भी शामिल है। इसके बाद एक भर्ती रैली का आयोजन किया जाता है, जिसमें शरीर की फिटनेस का परीक्षण होता है। इसमें सिलेक्ट होने पर छात्रों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है और उसके बाद मेरिट सूची तैयार की जाती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 18 May, 2024, 5:05 pm
Author Info : Baten UP Ki