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भारत में अमीरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में हर साल 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वालों की संख्या में 63% की बढ़ोतरी हुई है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश में आर्थिक असमानता के बावजूद, धनाढ्य वर्ग की संख्या में भारी इज़ाफा हुआ है।
हर साल 10 करोड़ कमाने वालों की संख्या 31,800 पहुंची-
रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करने वाले भारतीयों की संख्या 31,800 हो गई है, जो पांच साल पहले की तुलना में 63% अधिक है। इसी अवधि में, सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वालों की संख्या में 49% की वृद्धि हुई है। अब ऐसे लोग 58,200 तक पहुंच गए हैं।
50 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों की भी संख्या बढ़ी-
रिपोर्ट यह भी बताती है कि देश में 50 लाख रुपये से अधिक सालाना कमाई करने वाले लोगों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ी है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, ऐसे लगभग 10 लाख लोग हैं, जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है। यह संख्या पिछले पांच वर्षों में 25% की दर से बढ़ी है। यह वृद्धि इस तथ्य के बावजूद हुई है कि इस अवधि में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों में ठहराव आया था।
38 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं अमीर भारतीय-
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमीर भारतीयों की कुल संपत्ति भी तेज़ी से बढ़ी है। 10 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाले 31,800 लोगों की संयुक्त आय 38 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो कि पांच वर्षों में 121% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है। वहीं, पांच करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाले लोगों की संयुक्त आय 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो 106% की वृद्धि को दर्शाती है।
संपत्तियों के प्रबंधन में भारत पीछे-
भारत में धनाढ्यों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन संपत्ति प्रबंधन के मामले में देश अभी भी विकसित देशों से पीछे है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में केवल 15% वित्तीय संपत्तियों का प्रबंधन पेशेवर संस्थाओं द्वारा किया जाता है, जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 75% तक है।
2028 तक इतनी संपत्ति के मालिक होंगे अमीर-
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) और अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआई) की संपत्ति 2028 तक 2.2 लाख करोड़ डॉलर (184.2 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने का अनुमान है। 2023 में इन लोगों के पास 1.2 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति थी। यह भी अनुमान है कि 2023 से 2028 के बीच एचएनआई और यूएचएनआई की संख्या में हर साल 13-14% की बढ़ोतरी होगी।
तेज़ी से बढ़ रहा अमीर वर्ग-
यह रिपोर्ट एक ओर तो भारत में आर्थिक विकास के संकेत देती है, लेकिन साथ ही इस बात को भी उजागर करती है कि आर्थिक असमानता भी तेज़ी से बढ़ रही है। उच्च आय वर्ग के लोगों की संख्या और उनकी संपत्ति बढ़ रही है, जबकि संपत्ति प्रबंधन और आर्थिक विकास के अवसरों का संतुलन अभी भी चुनौती बना हुआ है।
विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत-
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अमीरों की संख्या और उनकी संपत्ति दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। यह आर्थिक विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, लेकिन संपत्तियों के प्रभावी प्रबंधन और आर्थिक असमानता को कम करने की दिशा में और कदम उठाने की ज़रूरत है। यदि वित्तीय संपत्तियों का प्रबंधन पेशेवर ढंग से किया जाए, तो यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाएगा, बल्कि अमीरों की संपत्ति को भी बेहतर तरीके से संरक्षित और विकसित करने में मदद करेगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 18 September, 2024, 1:35 pm
Author Info : Baten UP Ki