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VVPAT वेरिफिकेशन पर सुप्रीम फैसला, न होगा वोटों का सौ फीसदी मिलान और न ही लौटेगा बैलेट पेपर

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देशभर में चल रहे दूसरे चरण के मतदान के बीच आज सर्वोच्च न्यायालय का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) वेरिफिकेशन की मांग को लेकर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है और साथ ही बैलेट पेपर की मांग को लेकर दर्ज याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। यह फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा सहमति से दिया गया है। इस सुप्रीम फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से 100 फीसदी मिलान की मांग को बडा़ झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ये साफ हो गया है कि, मतदान ईवीएम मशीन द्वारा ही किए जाएंगे। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश-

हालांकि फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कुछ निर्देश भी दिए हैं, जो इस प्रकार हैं- कोर्ट ने पहला निर्देश यह दिया है कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को सील कर दिया जाना चाहिए और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए। इसके अलावा दूसरा निर्देश यह है कि उम्मीदवारों के पास परिणामों के एलान के बाद इंजीनियरों की एक टीम की ओर से जांचे जाने वाले ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम को पाने का विकल्प होगा। इसके लिए उम्मीदवार को नतीजों के ऐलान के सात दिनों के अंदर आवेदन करना होगा। फैसला सुनाते हुए जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि वीवीपैट वेरिफिकेशन का खर्चा उम्मीदवारों को खुद ही उठाना पड़ेगा। अगर किसी स्थिति में ईवीएम में  छेड़छाड़ पाई गई तो खर्च वापस दिया जाएगा।

सुरक्षित रखा गया फैसला-

आप को बता दें कि इससे पहले 2 दिन की लगातार सुनवाई के बाद पीठ ने 18 अप्रैल को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को फिर से सूचीबद्ध किया था। तब कोर्ट ने अदालत से चुनाव आयोग से कुछ बातों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। 

किसने दायर की थी याचिका?

मार्च 2023 में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सौ फीसदी ईवीएम वोटों और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने फैसला दिया है। 

वीवीपैट पर्ची का मिलान

आपको बता दें कि मौजूदा समय में वीवीपैट वेरिफिकेशन के तहत लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के केवल पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम वोटों और वीवीपैट पर्ची का मिलान किया जाता है। 

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया-

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया  देते हुए कहा कि, कोर्ट के इस फैसले के बाद अब किसी को शक नहीं रहना चाहिए और अब पुराने सवाल खत्म हो जाने चाहिए। चुनाव सुधार भविष्य में भी जारी रहेगा।

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