दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के राज्यों को निर्देश दिया है कि वे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) के तहत प्रदूषण नियंत्रण के सभी उपायों को सख्ती से लागू करें। कोर्ट ने आदेश दिया कि इसके लिए अधिकारियों की विशेष टीमें गठित की जाएं, जो इन उपायों के क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी।
यूपी और हरियाणा के लिए निगरानी टीमें-
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि एनसीआर के राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा, को GRAP-IV के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए पुलिस और राजस्व अधिकारियों की टीम गठित करनी चाहिए। ये टीमें कोर्ट के अधिकारी के रूप में कार्य करेंगी और अनुपालन या उल्लंघनों की रिपोर्ट सीएक्यूएम (CAQM) को नियमित रूप से सौंपेंगी।
वायु गुणवत्ता में गिरावट पर GRAP-IV लागू-
गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने पर GRAP-IV फिर से लागू किया गया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि GRAP-IV उपायों का पालन सुनिश्चित करना सभी संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी होगी।
पराली जलाने पर भी निगरानी-
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों, जैसे पराली जलाने की घटनाओं, पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया। 05 दिसंबर को वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद कुछ प्रतिबंधों में ढील दी गई थी, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर GRAP-IV को दोबारा बहाल करना पड़ा।
पटाखों पर सख्त प्रतिबंध-
सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को दिल्ली और एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
- दिल्ली: पूरी तरह से पटाखों पर प्रतिबंध।
- हरियाणा: केवल हरित पटाखों की अनुमति।
- राजस्थान: एनसीआर क्षेत्रों में पटाखों पर पूरी तरह रोक।
- उत्तर प्रदेश: अभी तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध का फैसला नहीं।
त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। टीमों से अपेक्षा है कि वे नियमित रूप से अपने निरीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सके।
सरकारों की जवाबदेही-
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर राज्यों को प्रदूषण से संबंधित सभी उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी दी है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पटाखों, पराली जलाने, और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों पर रोक कड़ाई से लागू हो। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त कदम उठाए हैं। अब राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें और नागरिकों को स्वच्छ वायु उपलब्ध कराएं।