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टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर बनीं राज्यसभा MP

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देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और मशहूर लेखिका सुधा मूर्ति को  राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इंफोसिस  को खड़ा करने में बड़ा योगदान देने वाली सुधा मूर्ति  किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। आज दुनियाभर में सुधा मूर्ति भारत का नाम रोशन कर रही है। अब सुधा मूर्ति बिजनेस सेक्टर से राजनीति  में एंट्री ले रही हैं। सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं। इंफोसिस को खड़ा करने के लिए एन आर नायारण मूर्ति ने इस कंपनी की शुरुआत के लिए अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपये उधार लिए थे  तब ये कंपनी अस्तित्व में आई और आज दुनियाभर में भारत का झंडा बुलंद कर रही है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने  सोशल मीडिया साइट एक्स  पर लिखा कि, ''मुझे ख़ुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा कृष्णमूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है। सुधा जी का सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी 'नारी शक्ति' का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।''

सुधा मूर्ति ने जताई खुशी

सुधा मूर्ति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि  फिलहाल  वह भारत में नहीं हैं लेकिन यह उनके लिए महिला दिवस पर एक बड़ा तोहफा है। देश के लिए काम करना एक नई जिम्मेदारी है। उन्होंने पीएम मोदी का शुक्रिया भी अदा किया।

सुधा मूर्ति का इंफोसिस में योगदान-
एन आर नायारण मूर्ति ने साल 1981 में अपने साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस कंपनी की  शुरूआत की थी। आज यह भारत की टॉप-10 कंपनियों में शामिल है।  और टाटा ग्रुप की टीसीएस  के बाद दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है। इंफोसिस का  अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में  कारोबार है  नारायण मूर्ति ने खुद कई मौकों पर इंफोसिस की शुरुआत और उसके यहां तक पहुंचने में अपनी पत्नी सुधा मूर्ति के योगदान के बारे में बताया है।

 कौन हैं सुधा मूर्ति ?
सुधा मूर्ति का जन्म  कर्नाटक के शिगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था। इनके पिता का नाम आर.एच और माता विमला कुलकर्णी है। सुधा मूर्ति ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं और वे पढ़ाई के बाद टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर भी थीं। इसके साथ ही उन्होंने आठ उपन्यास लिखे हैं। सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ-साथ एक टीचर और राइटर भी हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। उन्होंने इनंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति से साल 1978 में शादी की। सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के दो बच्चे एक बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति हैं। अक्षता की शादी ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ हुई है।

पद्म भूषण से भी  सम्मानित-

सुधा मूर्ति  गेट्स फाउंडेशन की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल पहल की सदस्य भी हैं। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की स्थापना की है। साल 2006 में  सुधा मूर्ति को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।  इसके बाद  उन्हें तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से भी  सम्मानित किया गया था।

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