भारत के सेवा क्षेत्र ने 2024 के आखिरी महीने में शानदार प्रदर्शन करते हुए नई ऊंचाइयों को छू लिया। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स नवंबर के 58.4 से बढ़कर दिसंबर में 59.3 पर पहुंच गया, जो पिछले चार महीनों में सबसे बड़ी छलांग है। ये आंकड़े सेवा क्षेत्र की मजबूती और उसमें बढ़ती मांग के सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। पीएमआई सर्वे के मुताबिक, दिसंबर में मांग में आई इस उछाल ने व्यापार प्रवाह और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सेवा प्रदाताओं ने अधिक श्रमिकों को नियुक्त किया, जिससे रोजगार के अवसरों में भी इजाफा हुआ।
2024 के आखिरी महीने में सेवा क्षेत्र की मजबूती-
भारत के सेवा क्षेत्र ने दिसंबर 2024 में शानदार प्रदर्शन किया। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स, जो नवंबर में 58.4 पर था, दिसंबर में बढ़कर 59.3 हो गया। यह चार महीनों में सबसे बड़ी वृद्धि को दर्शाता है।
बढ़ती मांग से मिली मजबूती-
पीएमआई सर्वेक्षण के अनुसार, दिसंबर में सेवा क्षेत्र में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इस बढ़ती मांग ने व्यापार प्रवाह और उत्पादन में भी तेजी लाने का काम किया। सेवा प्रदाताओं ने अधिक श्रमिकों को काम पर रखकर इस बढ़ती मांग का सामना किया।
रोजगार सृजन में ऐतिहासिक वृद्धि-
भले ही नवंबर की तुलना में रोजगार वृद्धि की दर थोड़ी धीमी रही, लेकिन नौकरी सृजन की गति दिसंबर 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे अधिक दर्ज की गई। यह सेवा क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास की उम्मीदों को मजबूत करता है।
वित्त और बीमा क्षेत्र में उछाल-
वित्त और बीमा जैसे उप-क्षेत्रों में नए ऑर्डर और व्यावसायिक गतिविधियों में सबसे मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। कंपनियां भविष्य को लेकर आशावादी बनी रहीं और उनका आत्मविश्वास दीर्घावधि औसत से ऊपर बना रहा।
मार्केटिंग और क्षमता विस्तार का प्रभाव-
नई ग्राहक पूछताछ और मार्केटिंग बजट में वृद्धि के कारण सेवा क्षेत्र की कंपनियों की क्षमता में सुधार हुआ है। इनपुट लागतों में थोड़ी नरमी के बावजूद खाद्य, श्रम, और सामग्रियों की लागत बढ़ी हुई रही।
महंगाई में मामूली राहत-
दिसंबर में महंगाई दर में थोड़ी कमी आई, जिससे ग्राहकों को राहत मिली। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में कंपनियों को अभी भी अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में सुधार-
भारतीय सेवा प्रदाताओं को अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में भी सकारात्मक संकेत मिले हैं, हालांकि विदेशों में मांग की वृद्धि तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
संयुक्त उत्पादन में तेजी-
HSBC इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स, जो सेवाओं और विनिर्माण गतिविधि को मिलाकर ट्रैक करता है, नवंबर के 58.6 से बढ़कर दिसंबर में 59.2 हो गया। यह चार महीनों में निजी क्षेत्र के उत्पादन में सबसे तेज़ वृद्धि का संकेत है। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भारत का सेवा क्षेत्र मजबूती की ओर अग्रसर है, जिसमें भविष्य की संभावनाएं भी उज्ज्वल दिखाई दे रही हैं।