होटल, एयरपोर्ट, सिनेमा हॉल या कॉलेज जैसी जगहों पर अब आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी साथ ले जाने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक नया आधार एप लॉन्च किया है जिससे यूजर्स चंद सेकेंड में डिजिटल वेरिफिकेशन करा सकेंगे।
नया आधार एप क्या है?
8 अप्रैल को केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नया आधार एप लॉन्च किया। इसका नाम AadhaarFaceRD है और यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसके जरिए लोग अपने आधार की डिटेल्स डिजिटली स्टोर और वेरिफाई कर सकेंगे।
एप लॉन्च करने का उद्देश्य
UIDAI द्वारा बनाए गए इस एप का मकसद आधार वेरिफिकेशन को तेज, आसान और सुरक्षित बनाना है। फिलहाल यह बीटा वर्जन में दिल्ली के कुछ यूजर्स के लिए ही उपलब्ध है। बाद में टेक्निकल सुधारों के साथ इसे सभी के लिए जारी किया जाएगा।
डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा
यह एप भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना का हिस्सा है, जिसका मकसद कागजी प्रक्रियाओं को कम करना और डिजिटल वेरिफिकेशन को बढ़ावा देना है। इससे आधार कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सकेगी।
नए आधार एप के 4 बड़े फायदे
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वेरिफिकेशन उतना ही आसान होगा जितना UPI पेमेंट करना।
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कागजी दस्तावेजों से छुटकारा मिलेगा।
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होटल, ट्रैवल, कॉलेज, सिनेमा जैसे स्थानों पर आसानी से उपयोग।
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आधार डिटेल्स का गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी रुकेगी।
क्या mAadhaar एप बंद हो जाएगा?
UIDAI ने अभी तक mAadhaar एप को बंद करने की कोई जानकारी नहीं दी है।
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पुराना mAadhaar एप: डिजिटल आधार रखने और उससे जुड़े कामों के लिए
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नया AadhaarFaceRD एप: फेस रिकग्निशन और QR स्कैन जैसी सुविधाओं के लिए
संभावना है कि दोनों एप साथ-साथ चलते रहेंगे ताकि यूजर्स को पूरी सुविधा मिले।
क्या नया आधार एप अनिवार्य है?
नहीं, इसे डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं है।
यह केवल उन यूजर्स के लिए है जिन्हें इसकी जरूरत है। अगर आप इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इंस्टॉल करें, वरना कोई ज़रूरत नहीं है।
नया आधार एप कितना सुरक्षित है?
सरकार और UIDAI ने दावा किया है कि यह एप यूजर की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
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अभी यह बीटा वर्जन में है।
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आगे जाकर इसे अपडेट किया जाएगा।
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एक्सपर्ट्स की सलाह से इसके सिक्योरिटी फीचर्स और मजबूत किए जाएंगे।
आगे कहां-कहां होगा इस्तेमाल?
सरकार ने कहा है कि एयरपोर्ट, होटल में QR वेरिफिकेशन शुरू किया जाएगा।
भविष्य में इसका उपयोग रेलवे टिकट, फिल्म टिकट और अन्य सेवाओं में भी होगा।
डेटा लीक की पिछली घटनाओं को लेकर सतर्कता
2023 में 81 करोड़ आधार यूजर्स का डेटा डार्क वेब पर बिकने की खबर आई थी। इसलिए सरकार इस बार मजबूत सिक्योरिटी वॉल लगाने पर फोकस कर रही है ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।