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इस अविष्कार के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजे गए जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन!

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साल 2024 के नोबेल पुरस्कारों के तहत भौतिकी क्षेत्र के लिए अवॉर्ड की घोषणा हो गई है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को प्रदान करने का निर्णय लिया है। इन दोनों वैज्ञानिकों को यह सम्मान कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Artificial Neural Networks) और मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मौलिक खोजों और अविष्कारों के लिए दिया गया है। उनके शोध ने कम्प्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और न्यूरोसाइंस के क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में भी हुआ एलान-

इससे पहले, सोमवार को 2024 के फिजियोलॉजी या मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई थी। अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा के क्षेत्र में माइक्रो आरएनए (microRNA) की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। माइक्रो आरएनए, जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह खोज कैंसर और अन्य जीन-आधारित बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली साबित हुई है।

2023 में भौतिकी का नोबेल: इलेक्ट्रॉन्स पर अध्ययन-

पिछले साल यानी 2023 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एनी एल'हुलियर को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था। यह पुरस्कार पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के अध्ययन के लिए विकसित प्रायोगिक तरीकों के लिए दिया गया था, जिसमें एटोसेकंड (attosecond) पल्स उत्पन्न कर इलेक्ट्रॉन्स की गतिविधियों का विश्लेषण किया गया। एनी एल'हुलियर ने इस क्षेत्र में अहम योगदान दिया और इस क्षेत्र में नोबेल जीतने वाली पांचवीं महिला बनीं।

2022: क्वांटम सूचना की क्रांति-

2022 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार अलेन अस्पेक्ट, जॉन एफ. क्लाउसर और एंटन जिलिंगर को दिया गया था। इनके प्रयोगों ने क्वांटम सूचना के क्षेत्र में नई तकनीक को विकसित करने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया। इन वैज्ञानिकों के अनुसंधान ने क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम संचार में क्रांतिकारी बदलाव किए, जिससे इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं को एक नई दिशा मिली।

2021: जलवायु मॉडलिंग और जटिल प्रणालियों पर काम-

2021 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार स्यूकुरो मानेबे, क्लॉस होसेलमैन और जियोर्जियो पेरिसी को प्रदान किया गया था। मानेबे और होसेलमैन को 'धरती की जलवायु की भौतिक मॉडलिंग' और ग्लोबल वार्मिंग की भविष्यवाणी को सुदृढ़ बनाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया। वहीं, पेरिसी को 'जटिल भौतिक प्रणालियों' की समझ में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए नोबेल से सम्मानित किया गया था। उनके काम ने विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में जटिलता की नई व्याख्या दी।

नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत: चिकित्सा से भौतिकी तक-

सात अक्तूबर 2024 को नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरुआत चिकित्सा के क्षेत्र से हुई थी। इसके बाद आठ अक्तूबर को भौतिकी के नोबेल का एलान किया गया। अब नोबेल पुरस्कारों की आगे की श्रेणियों में बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को होगी, जबकि 14 अक्तूबर को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विजेताओं का एलान किया जाएगा।

पुरस्कार की राशि और इसके पीछे की वसीयत-

नोबेल पुरस्कार के साथ विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर, यानी लगभग एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह धनराशि अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी गई वसीयत से आती है। स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी। 1896 में उनके निधन के बाद से यह पुरस्कार वैज्ञानिक उपलब्धियों, साहित्यिक योगदानों, और शांति प्रयासों के लिए दिए जा रहे हैं।

2024 में आगे आने वाले नोबेल पुरस्कार-

इस साल की नोबेल पुरस्कार घोषणाओं में अब अगली बारी रसायन विज्ञान और साहित्य के क्षेत्रों की है। इसके अलावा, शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार और 14 अक्तूबर को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माने जाते हैं और यह वैज्ञानिक और मानवतावादी क्षेत्रों में योगदान करने वाले महान व्यक्तियों के सम्मान का प्रतीक हैं।

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