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जानिए क्या है असलहा धारकों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट बड़ा फैसला?

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को असलहा धारकों को चुनाव के दौरान असलहा जमा कराए जाने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। लोकसभा चुनाव के दौरान अब किसी को भी अपना निजी असलहा थाने में नहीं जमा कराना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में स्पष्ट आदेश दिया है। न्यायालय ने यह फैसला रविशंकर तिवारी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

जनरल ऑर्डर से नही जमा होंगे हथियार-

चुनाव नजदीक आते ही प्रशासन असलहा जमा कराने को लेकर सक्रिय हो जाता था। लोगों से असलहा जमा कराने के लिए स्थानीय पुलिस का काफी दबाव भी होता था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस बड़े फैसले से अब लोगों को इससे राहत मिल जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जनरल ऑर्डर के जरिए चुनाव के समय प्रशासन सबके असलहा जमा नहीं करा सकता है। हाईकोर्ट ने इसको लेकर पूर्व के फैसलों का भी उल्लेख किया है। बता दें कि चुनाव के दौरान सामान्य तौर पर एक आदेश के जरिए प्रशासन सबके असलहे जमा करा लेता था। 

हाईकोर्ट ने पुराने आदेश को दोहराया-

बीते साल 2022 में हाईकोर्ट का ही फैसला था कि जनरल ऑर्डर निकास के शस्त्र जमा करने को नहीं कहा जा सकता है। इस बार भी हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पुराने आदेश को ही दोहराया है। हाईकोर्ट द्वारा आदेश का पालन नहीं होने पर अमेठी के एक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी।

बनाई जाए स्क्रीनिंग कमेटी-

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि, चुनाव में सुरक्षा उपायों को आधार बनाते हुए लोगों से असलहा जमा कराने के लिए नहीं कह सकते हैं। हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि अगर किसी असलहाधारी से कानून व्यवस्था को खतरा हो उसके लाइसेंस को जमा कराया जा सकता है। लेकिन इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा उसे भी असलहा जमा करने का कारण बताना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि डीएम की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाए, जिसमें एसपी, एडीएम और एएसपी को सदस्य के तौर पर रखा जाए।

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