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केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, इन शर्तों पर मिली जमानत

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लंबे समय से चले आ रहे दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से आज राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है, जिससे आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर AAP समर्थक इसे केजरीवाल और पार्टी की बड़ी जीत मान रहे हैं। आइए जानें, किन शर्तों पर केजरीवाल को यह जमानत मिली है।

इन शर्तों पर मिली है जमानत?

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 10-10 लाख रुपये के दो मुचलकों पर जमानत दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी लगाई हैं:

  1. सार्वजनिक टिप्पणी पर रोक: केजरीवाल इस मामले पर किसी प्रकार की सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकते।
  2. मुकदमे में सहयोग करना: केजरीवाल को पूरी तरह से मुकदमे की प्रक्रिया में सहयोग देना होगा।
  3. मुख्यमंत्री कार्यालय जाने पर रोक: जमानत की शर्तों के तहत केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जा पाएंगे।
  4. अलग-अलग राय: सुनवाई के दौरान दोनों न्यायाधीशों ने अलग-अलग बातें रखीं।

गिरफ्तारी पर जजों में मतभेद-

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया, जबकि न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने इस पर अलग राय रखते हुए कहा कि गिरफ्तारी की आवश्यकता पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। भुइयां के अनुसार, सीबीआई ने 22 महीने तक केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया और फिर जब ईडी से उनकी रिहाई की बात आई, तब उनकी गिरफ्तारी की गई।

सीबीआई और ईडी की कार्रवाई पर सवाल-

सीबीआई और ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए गए। न्यायमूर्ति भुइयां का कहना था कि केजरीवाल को ईडी द्वारा दिए गए जमानत आदेश को विफल करने के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया। इस संदर्भ में कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और मुकदमा लंबा खिंच सकता है, इसलिए जमानत देना उचित होगा।

केजरीवाल का सुप्रीम कोर्ट में संघर्ष-

केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया गया था। 5 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने इस फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद अब उन्हें जमानत मिल गई है।

क्या था मामला?

यह मामला दिल्ली की विवादित शराब नीति से जुड़ा हुआ है, जिसमें केजरीवाल पर आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान नीति में गड़बड़ी की गई, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। इसके साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगाया था। पहले, उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था, लेकिन जब उन्हें जमानत मिलने लगी तो सीबीआई ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पार्टी और समर्थकों में उत्साह-

केजरीवाल को मिली जमानत से आप पार्टी में उत्साह का माहौल है। पार्टी कार्यकर्ता इसे न्याय की जीत के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KejriwalWins ट्रेंड कर रहा है, और आप के प्रमुख नेताओं ने इसे बड़ी जीत करार दिया है।

आगे इस मामले में क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला निश्चित रूप से केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए राहत लेकर आया है। अब देखना होगा कि इस मामले की अगली सुनवाई और पूरी प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है। क्या यह मामला केजरीवाल के राजनीतिक करियर पर कोई गहरा असर डालेगा या वे इससे निकलकर पहले से मजबूत होकर उभरेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस मामले का क्या परिणाम होता है और केजरीवाल अपनी राजनीतिक पारी को किस तरह से आगे बढ़ाते हैं।

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