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जैन धर्म में दिगंबर मुनि परंपरा के विश्व प्रसिद्ध आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने समाधि के बाद आज अपना शरीर त्याग दिया। पीएम मोदी ने शोक जताते हुए कहा है कि समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के डोंगर गढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने शनिवार को समाधि ली थी। इससे पहले उन्होंने आचार्य पद का त्याग करके तीन दिन का उपवास और मौन धारण कर लिया था। उनका अंतिम संस्कार चंद्रगिरि तीर्थ में किया गया।
पीएम मोदी ने क्या कहा-
पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि, यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा है कि "आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरि जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था।
जैन समाज में शोक की लहर-
आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने पर देशभर में जैन समाज के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। इसीलिए लोग अपनी-अपनी दुकानें बंद कर जैन मुनि के अंतिम दर्शन के लिए पहुंच गए। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए देशभर से उनके शिष्य चंद्रगिरी पहुंचे। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने के बाद देश भर में शोक का माहौल है ऐसे में देश कई दिग्गज नेताओं और मुख्यमंत्रियों ने दुख जताया है।
एमपी के सीएम मोहन यादव ने दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि यह समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि 'संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव प्रवर श्री 108 विद्यासागर महामुनिराज जी की संलेखना पूर्वक समाधि का समाचार अत्यंत दुःखद व पीड़ादायक है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक-
मध्यप्रदेश सरकार ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए आधे दिन का प्रदेश में राजकीय शोक घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश में रविवार को होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने राज्य में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है।
आचार्य विद्यासागर महाराज को जानिए-
लगभग 350 दीक्षाएं देने वाले आचार्य श्री का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक प्रांत के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था। उन्होंने 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर नगर में अपने गुरु आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज से मुनिदीक्षा ली थी। आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज ने उनकी कठोर तपस्या को देखते हुए उन्हें अपना आचार्य पद सौंपा था। आचार्यश्री 1975 के आसपास बुंदेलखंड आए थे। वे बुंदेलखंड के जैन समाज की भक्ति और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना अधिकांश समय बुंदेलखंड में व्यतीत किया।
Baten UP Ki Desk
Published : 18 February, 2024, 3:30 pm
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