बड़ी खबरें

ब्राजील दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी का हुआ भव्य स्वागत, जी20 देशों के सम्मेलन में होंगे शामिल, पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुआ था जी20 सम्मेलन 3 दिन पहले स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल की हुई सफल टेस्टिंग, 1500 किलोमीटर से ज्यादा रेंज, साउंड से 5 गुना तेज है इसकी रफ्तार 3 दिन पहले जहरीली हुई गाजियाबाद की हवा,AQI 400 के पार, NCR में ग्रेप-4 लागू, सबसे ज्यादा लोनी इलाका प्रभावित 3 दिन पहले झांसी में 10 बच्चों की मौत के बाद जागा प्रशासन, पूरे यूपी में ताबड़तोड़ कार्रवाई, 80 अस्पतालों को बंद करने का नोटिस 3 दिन पहले यूपी के 46 स्टेट हाइवे सहित 196 सड़कों को किया जाएगा चौड़ा, खराब सड़क बनाने वालों पर गाज गिरनी तय 3 दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा TGT 2013 भर्ती मामला, 6 सप्ताह बाद होगी सुनवाई, चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटित न किए जाने का उठाया गया मुद्दा 3 दिन पहले यूपी बोर्ड 2025 के लिए घोषित हुईं परीक्षा की संभावित तारीखें, महाकुंभ की वजह से इस बार देरी से हो सकती हैं परीक्षाएं 3 दिन पहले लखनऊ में लगातार गिर रहा पारा, लालबाग और तालकटोरा में हवा का प्रदूषण खतरनाक, पछुआ हवा ने दूर किया कोहरा 3 दिन पहले लखनऊ के KGMU में जल्द शुरू होगा बोन बैंक, ट्रांसप्लांट मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत,हड्डी के ट्यूमर पर एक्सपर्ट ने दी टिप्स 3 दिन पहले IIT दिल्ली में इंग्लिश लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर की निकली भर्ती, एज लिमिट 45 साल, 75 हजार तक मिलेगी सैलरी 3 दिन पहले

क्या अमेरिका से लाखों लोगों को निकाले जाने की है संभावना?

Blog Image

अमेरिका में Donald Trump की वापसी और उनके आर्थिक फैसलों ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया है, जिससे Sensex में 900 अंकों की गिरावट और Nifty 24,200 के नीचे आ गया है। Trump के नए प्रपोजल्स और व्यापार नीतियों ने न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर डाला है बल्कि वैश्विक बाजार में भी हलचल मचा दी है। इस बदलाव ने भारतीय बाजार के सामने कुछ नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं, जिनसे निपटना निवेशकों और नीति-निर्माताओं के लिए जरूरी होगा। आइए समझते हैं कि कैसे ये आर्थिक बदलाव भारतीय बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।

ट्रम्प की 20% आयात टैरिफ और 200% कार शुल्क का असर -

Trump की एक बड़ी योजना है कि वे अमेरिका में 20% का आयात शुल्क लगाएंगे और कारों पर 200% की ड्यूटी लगा सकते हैं। ये कदम भारत के लिए बुरी खबर हो सकती है क्योंकि इससे वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है और व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है। इसका असर भारतीय निर्यात पर पड़ सकता है और डॉलर-रुपया की विनिमय दर में अस्थिरता भी आ सकती है।

अवैध अप्रवासियों को निकालने का प्रपोजल-

Trump का इरादा है कि वे लाखों अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालेंगे। अगर ऐसा होता है, तो अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है, और इससे वहाँ की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि जो भारतीय छात्र अमेरिकी कॉलेज से ग्रेजुएट करते हैं, उन्हें ग्रीन कार्ड देने का प्रपोजल है। यह उन भारतीय छात्रों के लिए अच्छा मौका हो सकता है जो अमेरिका में ही काम करना चाहते हैं।

टैक्स कट और बजट डेफिसिट का बढ़ता दबाव-

Trump ने टैक्स कट्स का भी वादा किया है, जबकि अमेरिका का बजट डेफिसिट पहले से ही रिकॉर्ड स्तर पर है। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है और US Treasury पर दबाव बढ़ सकता है। अगर विदेशी निवेशक अमेरिका को उधार देने से कतराते हैं, तो अमेरिका को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है, जिससे भारत जैसे देशों के निवेशकों के लिए स्थिति अनिश्चित हो सकती है।

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी में तेजी-

Trump ने पहले ही अमेरिका को " बिटकॉइन सुपरपावर " बनाने की बात कही है। उनकी वापसी के बाद बिटकॉइन ने एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए $75,000 का आंकड़ा छू लिया। इसका असर क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में दिख रहा है, लेकिन भारतीय निवेशकों को इसे समझदारी से देखना होगा क्योंकि यह क्षेत्र बहुत ही अस्थिर है।

फेड की पॉलिसी में बदलाव का असर-

Trump की नीतियाँ US Federal Reserve के रेट-कट साइकिल को भी प्रभावित कर सकती हैं। अगर अमेरिका में महंगाई बढ़ती है, तो Fed Bank दरें घटाने के बजाय बढ़ाने का फैसला ले सकता है। इसका असर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों पर भी पड़ेगा। RBI को पहले इन अनिश्चितताओं का हल निकालना होगा, जिसके बाद ही वह कोई बड़ा कदम उठाएगा।

टैरिफ और चीन का असर-

Trump ने चीनी सामान पर भारी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। अगर ऐसा होता है, तो चीन की विकास दर पर इसका बुरा असर पड़ेगा। इसके जवाब में चीन और बड़ा स्टिमुलस पैकेज ला सकता है, जिससे भारतीय मार्केट में विदेशी निवेश में कमी आ सकती है। Nomura के अनुसार, चीन का यह स्टिमुलस पैकेज GDP का 2-3% हो सकता है, जिससे FPI और अन्य निवेशक चीन की ओर आकर्षित हो सकते हैं, और भारतीय मार्केट पर इसका दबाव बढ़ सकता है।

Elon Musk का नया रोल-

Trump के प्रशासन में Elon Musk को शामिल किया जा सकता है। Musk पहले से ही भारत में Tesla कारों पर कम आयात शुल्क लगाने की बात कर रहे हैं। अगर Musk को नई सरकार में ताकत मिलती है, तो भारत पर दबाव बढ़ सकता है कि वे Tesla के लिए नए नियम बनाए। इसके अलावा, Musk सैटेलाइट स्पेक्ट्रम या स्पेस लॉन्च के क्षेत्र में भी कई देशों में अपने प्रोजेक्ट्स बढ़ाने का प्रयास करेंगे, जिसका असर भारतीय स्पेस सेक्टर पर भी हो सकता है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें