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धरती की धरोहर है जैव विविधता..

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(Special Story) पृथ्वी पर अलग-अलग प्रकार के जीव जन्तु रहते हैं जिनमें समृद्ध विविधता पाई जाती है। पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों, जैसे कि पौधे, जानवर, कवक और सूक्ष्मजीवों, और उनके प्राकृतिक आवासों की विविधता को ही जैव विविधता कहा जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो  जैव विविधता का सीधा मतलब पृथ्वी पर मौजूद सभी प्रकार के जीवन से है जिनमें पौधों, जीव जंतुओं में पाई जाने वाली अलग-अलग प्रकार की विशेषताएं शामिल हैं। जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की आधार है जो मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए  बेहद जरूरी हैं। जैव विविधता के मुद्दों के बारे में समझ और जागरूकता बढ़ाने के लिए 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। 

क्या है जैव विविधता?

जैव विविधता हमारे ग्रह पर सभी जीवित चीजों से बनी है। यह सभी तरह के जीवन को समाहित करती है जिसे अरबों सालों के विकास ने आकार दिया गया है। इसमें सबसे छोटे बैक्टीरिया से लेकर सबसे बड़े पौधों और जानवरों तक, यहां तक कि हमारी अपनी प्रजातियों भी शामिल हैं। इनके जरिए हमें भोजन पानी, दवा और कई जरूरी संसाधन प्राप्त होते हैं। जैव विविधता कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में भी मदद करती है।

जैव विविधता क्यों महत्वपूर्ण है?

जैव विविधता हमारे जीवन का आधार है। यह हमें स्वच्छ हवा और पानी, भोजन, दवाएं और जलवायु नियंत्रण जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है। यह मनोरंजन, पर्यटन और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण है।

जैव विविधता को खतरा-

दुर्भाग्य से मानवीय गतिविधियों के कारण जैव विविधता को गंभीर खतरा है। वनों की कटाई, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक शोषण जैसी गतिविधियों ने कई प्रजातियों को लुप्त होने के कगार पर ला दिया है। जैव विविधता के कमी के चलते आज प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ सूखा और तूफान आदि का खतरा बहुत बढ़ गया है। इस वजह से जैव विविधता का संरक्षण बहुत जरूरी हो गया है। इसके अलावा इन खतरों के कारण कई प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर हैं।

जैव विविधता को बचाने के लिए प्रयास

जैव विविधता को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। हम निम्नलिखित कार्य करके अपना योगदान दे सकते हैं।

  • प्राकृतिक आवासों की रक्षा करें:

पेड़ लगाएं, वनों की कटाई को रोकें और प्रदूषण को कम करें।

  • टिकाऊ उत्पादों का उपयोग करें:

ऐसे उत्पादों का चुनाव करें जो पर्यावरण के अनुकूल हों और जिनके उत्पादन में कम से कम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया गया हो।

  • स्थानीय उत्पादों का उपभोग करें:

स्थानीय किसानों और उत्पादकों का समर्थन करें, जिससे परिवहन से होने वाले उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है।

  • जागरूकता फैलाएं:

दूसरों को जैव विविधता के महत्व के बारे में शिक्षित करें और उन्हें इसे बचाने के लिए प्रेरित करें।
आइए हम सब मिलकर धरती की इस अनमोल धरोहर को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हों।

अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस 024 की थीम

हर साल इस दिन को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है और उस थीम के ऊपर ही काम किया जाता है। साल 2024 के लिए अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस की थीम ‘बी पार्ट ऑफ द प्लान’ (Be part of the Plan) रखी गई है। यह थीम जैविक विविधता के संरक्षण में लोगों की हिस्सेदारी और जिम्मेदारी पर फोकस करता है

हमको कैसे फायदा पहुंचाती है जैव विविधता- 

ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिसके लिए हम जैव विविधता पर निर्भर करते हैं और हमारे लिए इसे संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए कृषि को ही ले लीजिए अकशेरूकीय पर अविश्वसनीय रूप से निर्भर है, वे मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं, जबकि कई फल, नट और सब्जियां कीटों द्वारा परागित होती हैं। दुनिया के एक तिहाई फसल उत्पादन में परागणकर्ता (पोलिनेटर) जैसे पक्षी, मधुमक्खी और अन्य कीड़े अहम भूमिका निभाते हैं। सूक्ष्म जीव मृदा में पोषक तत्वों को मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। महासागरों में, मछली और समुद्री जीवन के अन्य रूप लगभग एक अरब लोगों के लिए प्रोटीन का मुख्य स्रोत प्रदान करते हैं।

विश्व की तुलना में भारत की जैव विविधता की स्थिति

राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अनुसार, भारत दुनिया के 17 सबसे अधिक जैव विविधता वाले देशों में से एक है। भारत में दुनिया भर की 7-8 फीसदी प्रजातियों रहती हैं। भारत में फसल विविधता का एक स्वीकृत केंद्र है और कई जंगली जानवरों और घरेलू जानवरों, मछलियों की नस्लों के अलावा करोड़ों माइक्रोबियल विविधता, कीड़े और अन्य प्रजातियां हैं। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत की पारिस्थितिकी तंत्र विविधता भी अनूठी है।

क्या है अंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस का इतिहास?

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस को 29 दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की दूसरी समिति द्वारा बनाया गया था। लेकिन कई देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने की वजह से 29 मई की जगह इसे 22 मई को मनाने का फैसला लिया गया। तब से लेकर आज तक इसे 22 मई को ही मनाया जा रहा है।

भारत में पर्यावरण एवं जैव विविधता से संबंधित प्रमुख नीतियां-

  • राष्ट्रीय वन नीति
  • राष्ट्रीय कृषि नीति
  • राष्ट्रीय जल नीति
  • राष्ट्रीय पर्यावरण नीति (2006)
  • राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना (2009)
  • जैव विविधता पर राष्ट्रीय नीति और वृहत स्तर की कार्रवाई रणनीति
  • पर्यावरण और विकास पर राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति और नीति वक्तव्य

कैसे हम कर सकते हैं जैव विविधता को बढ़ाने में मदद?

जैव विविधता के संरक्षण के लिए हम सब मिलकर प्रयास कर सकते हैं। हम कम वाहन चलाकर, ऊर्जा बचाकर, कम कचरा पैदा करके, और स्थानीय रूप से उत्पादित वस्तुओं का उपयोग करके अपना योगदान दे सकते हैं। हम वृक्षारोपण अभियानों में भाग ले सकते हैं, वन्यजीवों की रक्षा के लिए काम करने वाले संगठनों का समर्थन कर सकते हैं, और अपनी आवाज उठाकर नीति निर्माताओं से जैव विविधता को बचाने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह कर सकते हैं। आइए हम सब मिलकर धरती को एक स्वस्थ और समृद्ध ग्रह बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहें।

By Ankit Verma 

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