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स्वदेशी बनाम विदेशी: क्या AMCA भारत के लिए F-35 से बेहतर साबित होगा?

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भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाने के लिए 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) पर तेजी से काम कर रहा है। यह प्रोजेक्ट भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक से लैस फाइटर जेट देने का सपना साकार करेगा। वहीं, अमेरिका ने F-35 फाइटर जेट की आपूर्ति का संकेत तो दिया है, लेकिन यह डील आसान नहीं होगी। इसमें लागत, रणनीतिक साझेदारी और राजनीतिक अनुमोदन जैसी कई बाधाएं सामने आ सकती हैं।

AMCA: भारत का स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट

1. CCS की मंजूरी और निवेश

अप्रैल 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने AMCA प्रोजेक्ट के लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी थी। इस परियोजना का नेतृत्व एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) कर रही है, जबकि निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा।

2. तकनीकी विशेषताएं और रणनीतिक बढ़त

  • स्टील्थ तकनीक: दुश्मन के रडार से बचने की क्षमता
  • बड़ी संरचना: भारतीय वायुसेना के मौजूदा लड़ाकू विमानों से अधिक शक्तिशाली
  • 5वीं पीढ़ी की विशेषताएं: दुनिया के बेहतरीन स्टील्थ लड़ाकू विमानों की बराबरी या उससे भी बेहतर

3. रूस के साथ संभावित साझेदारी

बेंगलुरु एयर शो में रूसी रक्षा कंपनियों ने भारत के साथ जॉइंट प्रोडक्शन का प्रस्ताव दिया, जिससे भारत को इस परियोजना में अतिरिक्त तकनीकी और उत्पादन संबंधी सहायता मिल सकती है।

अमेरिका से F-35 डील: क्यों मुश्किल है यह सौदा?

1. ट्रम्प का प्रस्ताव, लेकिन हकीकत अलग

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को कई अरब डॉलर के सैन्य उपकरण देने की बात कही थी, जिसमें F-35 फाइटर जेट्स भी शामिल थे। लेकिन यह सिर्फ एक पेशकश है, इसे हकीकत में बदलने के लिए कई औपचारिकताओं से गुजरना होगा।

2. कांग्रेस की मंजूरी अनिवार्य

अमेरिकी कानून के तहत, किसी भी सैन्य तकनीक के निर्यात के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी आवश्यक होती है। ऐसे में यह डील राजनीतिक दबाव और भू-राजनीतिक समीकरणों के कारण लंबी खिंच सकती है।

3. भारत के लिए लागत और रणनीतिक विकल्प

  • F-35 की कीमत: एक F-35 की लागत 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपये) है।
  • भारत का विकल्प: इतनी ऊंची लागत को देखते हुए, भारत के लिए AMCA जैसे स्वदेशी प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करना अधिक फायदेमंद हो सकता है।

अन्य प्रमुख अमेरिकी सैन्य उपकरण जो भारत की ताकत बढ़ा सकते हैं

1. जैवलिन: घातक एंटी-टैंक मिसाइल

  • गुरिल्ला युद्ध में प्रभावी
  • 2500 मीटर तक मारक क्षमता
  • 160 मीटर की ऊंचाई तक वार कर सकती है
  • हल्की और पोर्टेबल डिजाइन, जिससे इसे कंधे पर रखकर ऑपरेट किया जा सकता है

2. स्ट्राइकर: हाई-टेक सैन्य वाहन

  • 8 पहियों वाला बख्तरबंद वाहन, जो 100 किमी/घंटे की रफ्तार से चल सकता है
  • 30mm और 105mm गन से लैस
  • ऊबड़-खाबड़ इलाकों में ऑपरेशन के लिए उपयुक्त
  • लद्दाख में इसका ट्रायल हो चुका है, जिससे यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए भी उपयुक्त साबित हुआ है

भारत के लिए सबसे बेहतर विकल्प कौन सा?

भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने के लिए AMCA प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए। हालांकि F-35 एक अत्याधुनिक विमान है, लेकिन इसकी लागत, राजनीतिक जटिलताएं और आपूर्ति शर्तें भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। रूस के जॉइंट प्रोडक्शन ऑफर और स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की रणनीति भारत के लिए दीर्घकालिक रूप से अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। AMCA प्रोजेक्ट का तेजी से विकास न केवल भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि विकसित देशों के रक्षा बाजार में भी भारत को एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करेगा।

 

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