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भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार दिनों से जारी जबरदस्त तनाव आखिरकार शनिवार शाम को थम गया, लेकिन इससे पहले जो घटनाक्रम सामने आए, उन्होंने भारत की कूटनीति, सैन्य ताकत और आतंक के खिलाफ उसके सख्त रवैये को पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया।
दिन की शुरुआत भारत के तीखे संदेश से हुई — "अब आतंक बर्दाश्त नहीं होगा", और शाम होते-होते वही पाकिस्तान, जो सुबह तक गीदड़भभकियों पर उतर आया था, संघर्ष विराम की गुहार लगाने लगा। भारत ने इस पर अपनी शर्तों के साथ सहमति जताई और स्पष्ट किया कि भविष्य में हर आतंकी हमले को "युद्ध की कार्रवाई" के तौर पर लिया जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम के 5 सबसे अहम पड़ाव:
1. सीजफायर पर पाकिस्तान की पहल, भारत की सशर्त मंजूरी
शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया और संघर्ष विराम की गुहार लगाई। भारतीय सेना के सख्त जवाबों से बैकफुट पर गया पाकिस्तान अब बातचीत की मेज पर लौटना चाहता था। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि शाम 5 बजे से ज़मीन, हवा और समुद्र – तीनों मोर्चों पर सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियां रोकने पर सहमति बनी। अगली बातचीत 12 मई को तय है।
2. अब आतंकी हमला मतलब युद्ध की घोषणा
भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बड़ा और निर्णायक बदलाव करते हुए स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का आतंकी हमला "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा। इसका मतलब है कि अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जवाब सिर्फ कूटनीति या सीमित सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा – भारत अब युद्ध स्तर पर जवाब देने को तैयार है।
3. पाकिस्तान के मंसूबे ध्वस्त
सीमा पर ड्रोन घुसपैठ, भारी तोपों से गोलाबारी, और हवाई क्षेत्र में 26 से ज्यादा स्थानों पर उल्लंघन की कोशिशें – पाकिस्तान ने हर तरीके से भारत को उकसाने की कोशिश की। लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने हर प्रयास को विफल कर दिया। श्रीनगर, उधमपुर, पठानकोट जैसे संवेदनशील सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें भी बेकार गईं।
4. भारतीय सेना का ‘सर्जिकल पलटवार’
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की हर चाल का न सिर्फ जवाब दिया बल्कि उसे स्पष्ट रूप से संदेश दे दिया कि अब कोई छूट नहीं मिलने वाली। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के रडार, कमांड सेंटर, एयरबेस और हथियार डिपो को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। रफीकी, चकलाला, सरगोधा, स्कर्दू और भोलारी जैसे ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए। इस पूरी कार्रवाई में कोलेट्रल डैमेज को न्यूनतम रखा गया – यह भारत की सैन्य दक्षता का प्रमाण है।
5. पांच खूंखार आतंकी ढेर – आतंक की रीढ़ पर प्रहार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सबसे बड़ा असर सामने आया जब जानकारी मिली कि भारत ने इस अभियान में पाकिस्तान और PoK के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और पांच खूंखार आतंकियों को भी मार गिराया। इनमें मसूद अजहर का बहनोई और उसका रिश्तेदार भी शामिल था – दोनों आईसी-814 अपहरण के मामले में वांछित थे। यह भारत की आतंकवाद पर की गई सबसे सटीक और प्रभावी कार्रवाई मानी जा रही है।
अब हर आतंकी हमले की चुकानी होगी भारी कीमत
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई नरमी नहीं होगी। पाकिस्तान की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब दिया गया, और जब वह खुद संघर्ष विराम की भीख मांगने लगा, तब जाकर भारत ने अपनी शर्तों पर राहत दी। यह न सिर्फ एक कूटनीतिक जीत है, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी है – अब हर आतंकी वारदात की कीमत चुकानी होगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 10 May, 2025, 8:17 pm
Author Info : Baten UP Ki