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राष्ट्रीय और राजकीय शोक में डूबा भारत! जानिए क्या है दोनो में है अंतर...

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भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज, 28 दिसंबर, पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। डॉ. सिंह, जिन्हें उनकी सादगी, ईमानदारी, और देश के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाता है, का 26 दिसंबर को दिल्ली के एम्स में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन को न केवल भारत बल्कि विश्व के लिए भी एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके निधन पर सात दिनों के शोक की घोषणा की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय शोक और राजकीय शोक में क्या अंतर है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

राष्ट्रीय शोक का क्या अर्थ है?

जब देश के किसी बड़े नेता, प्रसिद्ध कलाकार, या ऐसे व्यक्ति का निधन होता है जिन्होंने देश के लिए बड़ा योगदान दिया हो, तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय शोक की घोषणा करती है। इस दौरान निम्नलिखित प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है:

  • तिरंगा आधा झुकाया जाता है: यह सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक है।

  • सरकारी और औपचारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए जाते हैं

  • मनोरंजन और सार्वजनिक समारोहों पर रोक लग जाती है।

राष्ट्रीय शोक के नियम केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, और इसे देश भर में लागू किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, पूर्व और वर्तमान राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के निधन पर सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है। महात्मा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर भी ऐसा ही किया गया था।

राजकीय शोक क्या है?

राजकीय शोक राज्य सरकारों द्वारा घोषित किया जाता है और इसे राज्य के भीतर लागू किया जाता है। राज्य सरकारें अपने हिसाब से शोक की अवधि तय करती हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर तीन दिन का शोक घोषित किया था। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भी यूपी सरकार ने सात दिन का शोक घोषित किया है।

क्या शोक के दौरान छुट्टी होती है?

1997 के शासनादेश के अनुसार, शोक के दौरान छुट्टी अनिवार्य नहीं होती। हालांकि, यदि किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री का पद पर रहते हुए निधन होता है, तो छुट्टी का ऐलान किया जा सकता है।

राजकीय सम्मान का महत्व-

राजकीय शोक के दौरान दिवंगत व्यक्ति को राजकीय सम्मान प्रदान किया जाता है। इसके तहत:

  • पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है।

  • बंदूकों की सलामी दी जाती है।

  • शोक सभाओं का आयोजन किया जाता है।

यह सम्मान उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने देश के लिए विशेष योगदान दिया हो।

तिरंगे का आधा झुकना-

फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अनुसार, शोक के दौरान सभी सरकारी भवनों और दूतावासों पर तिरंगा आधा झुका दिया जाता है। यह देश की ओर से दिवंगत आत्मा के प्रति सम्मान और शोक व्यक्त करने का प्रतीक है।

डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: एक युग का अंत-

डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। राष्ट्रीय और राजकीय शोक के प्रोटोकॉल उनके प्रति देश की गहरी श्रद्धा और सम्मान को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।

 

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