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कोविड-19 एक बार फिर एशिया में दस्तक दे चुका है। सिंगापुर, हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में मामलों में तेजी देखी जा रही है। अकेले सिंगापुर में मई के पहले सप्ताह में हजारों नए केस दर्ज किए गए। भारत में भी संक्रमण धीरे-धीरे पैर पसार रहा है। 19 मई 2025 तक भारत में 257 एक्टिव केस और 164 नए मामले सामने आए हैं। इस नई लहर के पीछे JN.1 के दो नए सब-वेरिएंट्स — LF.7 और NB.1.8 — जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
WHO के मुताबिक इन वेरिएंट्स के स्पाइक प्रोटीन में ऐसे म्यूटेशन हुए हैं जो वायरस को न केवल तेजी से फैलने, बल्कि इम्यून सिस्टम से बच निकलने में भी सक्षम बनाते हैं।
बूस्टर डोज़ की कमी बढ़ा रही जोखिम
भारत में केवल 22% लोगों ने ही बूस्टर डोज़ ली है, जो आने वाले समय में एक बड़ी चुनौती बन सकता है। सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में भी बूस्टर कवरेज कम है, जिससे वायरस को फिर से फैलने का मौका मिल रहा है। भीड़, यात्रा और लोगों की लापरवाही ने संक्रमण की गति को और तेज किया है।
मास्क और सैनिटाइज़र भूल गए हैं लोग
लोगों ने मास्क पहनना, सैनिटाइज़र का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे ज़रूरी उपाय लगभग छोड़ दिए हैं। ICMR का कहना है कि अगर जल्द सतर्कता नहीं बरती गई, तो मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे महानगरों में संक्रमण की दर अचानक बढ़ सकती है।
याद कीजिए 2021 की दूसरी लहर
डेल्टा वेरिएंट की लहर और ऑक्सीजन की कमी से देश को जो नुकसान हुआ था, वह अब भी लोगों की यादों में ताजा है। हालांकि फिलहाल स्थिति उतनी गंभीर नहीं है, परंतु सावधानी बेहद जरूरी है।
नए वेरिएंट्स के लक्षण क्या हैं?
इन नए वेरिएंट्स में कुछ अलग प्रकार के लक्षण देखे जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
गले में खराश
खांसी
उल्टी या जी मचलाना
आंखों में जलन या कंजंक्टिवाइटिस
दिमागी थकावट या ब्रेन फॉग
चूंकि ये लक्षण आम फ्लू जैसे हैं, लोग इन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे। यही सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है।
अब भी समय है
सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद मजबूत हैं, फिर भी वहां केस बढ़ रहे हैं। भारत जैसे बड़े देश में, जहां जागरूकता और संसाधनों की कमी अब भी एक चुनौती है, वहां हालात बिगड़ने में देर नहीं लगेगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 May, 2025, 4:19 pm
Author Info : Baten UP Ki