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आतंक के गढ़ को भारत का आर्थिक थप्पड़! पाकिस्तान से आयात पर पूरी तरह लगाई रोक...

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा आर्थिक कदम उठाते हुए उसके साथ सभी तरह के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 2 मई को जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हितों को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। अब पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय उस आतंकी हमले के बाद आया है जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी। इसके साथ ही भारत ने अटारी लैंड ट्रांजिट पोस्ट को बंद करने और पाकिस्तानी झंडा लगे जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगाने का भी निर्णय लिया है।

व्यापारिक आंकड़े क्या कहते हैं?

2024-25 के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान को 447.65 मिलियन डॉलर का निर्यात किया था जबकि पाकिस्तान से मात्र 0.42 मिलियन डॉलर का आयात हुआ। इन आयातों में फल, मेवे, तिलहन, औषधीय पौधे और जैविक रसायन शामिल थे। अब यह पूरी तरह रुक जाएगा।

2019 के बाद से व्यापार लगभग ठप

पुलवामा हमले के बाद 2019 में भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200% शुल्क लगा दिया था और एमएफएन (Most Favoured Nation) का दर्जा भी वापस ले लिया गया था। पाकिस्तान ने बदले में सभी व्यापारिक संबंध स्थगित कर दिए थे। 2023-24 में भारत ने पाकिस्तान को 1.18 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि केवल 2.88 मिलियन डॉलर का आयात किया गया।

क्या होगा असर?

जानकारों का कहना है कि इसका भारत पर आर्थिक असर नगण्य रहेगा क्योंकि पाकिस्तान से आयात पहले ही लगभग समाप्त हो चुका था। सेंधा नमक जैसे कुछ विशेष उत्पादों को छोड़ दें तो भारत किसी भी जरूरी वस्तु के लिए पाकिस्तान पर निर्भर नहीं है।

कूटनीतिक सख्ती जारी

भारत ने पाकिस्तान दूतावास में तैनात रक्षा कर्मियों को निष्कासित करने और सिंधु जल संधि को निलंबित करने का भी फैसला लिया है। सरकार का रुख स्पष्ट है—आतंकवाद को समर्थन देने वाले किसी भी देश के साथ सामान्य संबंध संभव नहीं। भारत का यह कदम पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश है कि आतंकवाद और व्यापार साथ नहीं चल सकते। अब दुनिया की निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या अन्य देश भी पाकिस्तान की नीतियों के खिलाफ सख्ती दिखाते हैं।

 

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