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नहीं रखा इन चीजों का ध्यान, तो ये विटामिन बन सकता है डिप्रेशन का कारण...

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आजकल की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में डिप्रेशन एक आम मानसिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। इसके कारणों की बात करें तो एक बड़ी वजह विटामिन-डी की कमी (Vitamin-D Deficiency) मानी जाती है। इस "सनशाइन विटामिन" का महत्व हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। यह न केवल हमारी हड्डियों को मज़बूत रखता है, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी सक्रिय करता है और मानसिक शांति में सहायक होता है।

कैसे विटामिन-डी और डिप्रेशन के बीच है गहरा संबंध?

विटामिन-डी दिमाग में सेरोटोनिन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन, एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड को नियंत्रित करता है। इसकी कमी होने पर व्यक्ति में उदासी, थकान और मानसिक अस्थिरता की भावनाएं बढ़ सकती हैं, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है। कई शोध यह दर्शाते हैं कि विटामिन-डी की कमी अन्य मानसिक समस्याओं, जैसे कि चिंता, बाईपोलर डिसऑर्डर और सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) से भी जुड़ी हुई है।

विटामिन-डी की कमी के लक्षण-

  • थकान और कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना।
  • हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द: विटामिन-डी का कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
  • बालों का झड़ना: बालों का झड़ना और पतला होना।
  • बार-बार बीमार पड़ना: इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण जल्दी बीमार पड़ना।
  • घाव भरने में देरी: विटामिन-डी की कमी से घावों को ठीक होने में अधिक समय लगता है।

कैसे करें विटामिन-डी की कमी को पूरा?

1. सूरज की रोशनी: प्राकृतिक विटामिन-डी का स्रोत

सूरज की रोशनी विटामिन-डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत है। रोजाना सुबह कुछ समय सूरज की किरणों में बिताने से आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी मिल सकता है। ध्यान दें कि सुबह 10 बजे से पहले की धूप अधिक फायदेमंद होती है और हानिकारक किरणों का प्रभाव भी कम होता है।

2. आहार में बदलाव: ये खाद्य पदार्थ करें शामिल

कुछ खाद्य पदार्थों में भी विटामिन-डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अपनी डाइट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करें:

  • मछली: विशेष रूप से साल्मन और ट्यूना।
  • अंडे की जर्दी: इसमें उच्च मात्रा में विटामिन-डी होता है।
  • दूध और दूध उत्पाद: जैसे दूध, पनीर और दही।
  • मशरूम: कुछ प्रकार के मशरूम विटामिन-डी के अच्छे स्रोत होते हैं।
  • फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: जैसे कि फोर्टिफाइड दूध और अनाज।

3. विटामिन-डी सप्लीमेंट्स: डॉक्टर से परामर्श लें

अगर डाइट और धूप से पर्याप्त विटामिन-डी नहीं मिल पा रहा है, तो आप डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन-डी सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। ये सप्लीमेंट्स आपके शरीर में विटामिन-डी का स्तर बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।

विटामिन-डी की कमी से बचने के उपाय-

  • सूरज की रोशनी में समय बिताएं: रोजाना कम से कम 15-20 मिनट धूप में बिताएं।
  • विटामिन-डी से भरपूर डाइट: आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जिनमें विटामिन-डी हो।
  • नियमित हेल्थ चेकअप: विटामिन-डी का स्तर नियमित रूप से चेक कराएं।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: नियमित एक्सरसाइज, तनाव प्रबंधन और पूरी नींद लेना आपकी सेहत को संपूर्ण रखता है।

सही समय पर इलाज ज़रूरी-

अगर आप थकान, बालों का झड़ना, और हड्डियों में दर्द जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें। विटामिन-डी की कमी से होने वाली समस्याओं को समय रहते समझना और उनका सही इलाज करना बेहद जरूरी है।

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