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वैदिक पंचांग के मुताबिक आज यानि 9 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन जहां नवरात्रि का पहला दिन है वहीं आज से ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है जोकि बहुत ही खास है। आज से ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही आज हिंदू नववर्ष संवत 2081 भी शुरू हो गया है।
नवरात्रि का पहला दिन आज-
आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा के रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भक्त इस दौरान व्रत का पालन करते हैं। नवरात्रि का पहला दिन माता दुर्गा के प्रथम स्वरूप, मां शैलपुत्री को समर्पित है। मां दुर्गा सुख-समृद्धि और आरोग्य प्रदान करने वाली देवी हैं।
मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता-
आज के दिन को लेकर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की व्यवस्था की गई है। आज सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। चैत्र नवरात्रि को श्रद्धालु पर्व की तरह मनाते हैं। मंदिरों के साथ ही लोग घरों में विधि-विधान से मां दुर्गा की स्थापना कर पूजा करते हैं और व्रत रहते हैं। यह पर्व सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है, जब लोग साथ मिलकर नवरात्रि के उत्सव का आनंद लेते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
नवरात्रि प्रथम दिन की पूजा विधि-
नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। माता की पूजा करने से पहले घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई कर लें और गंगाजल से स्थान को स्वच्छ कर लें। नवरात्रि की विधिवत पूजा करने वाले हैं तो, सबसे पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता शैलपुत्री की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद माता का ध्यान करते हुए कलश स्थापित करें। इसके बाद धूप, दीप जलाकर माता को सफेद फूल अर्पित करें और नीचे दिए गए मंत्र का जप करें-
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
इसके बाद मां को सफेद खाद्य पदार्थों का भोग माता को लगाएं। भोग लगाने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ आपको करना चाहिए।
आज से हिन्दू नववर्ष प्रारंभ-
आज से ही हिन्दू नववर्ष की भी शुरुआत हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही ब्रहा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसलिए इसे हिंदुओं का नववर्ष इसी तिथि से माना जाता है। पंचांग के अनुसार आज से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत् 2081 शुरू हो गया है। लोग अपने परिजनों और जानने वालों को नववर्ष की शुभकामनाएं भेज रहे हैं।
इस हिन्दू नववर्ष को देशभर में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में मुख्य रूप से हिंदू नववर्ष को नव-सवंत्सर भी कहा जाता है तो कहीं इसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाते हैं। दक्षिणी राज्यों में इसे उगादी कहते हैं। गुड़ी शब्द का अर्थ विजय पताका और पड़वा का अर्थ प्रतिपदा से होता है। इस दिन घरों को सजाया जाता है और उत्सव के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। ऐसी मान्यता है कि गुड़ी पड़वा का त्योहार विधि-विधान के साथ मनाने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही घर के आसपास की निगेटिव एनर्जी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 9 April, 2024, 1:00 pm
Author Info : Baten UP Ki