दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी 2025 को मतदान हुआ और आज, 8 फरवरी 2025 को परिणाम सामने आए। आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। ये वही पार्टी है जिसने मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और महिलाओं के लिए बस यात्रा जैसी योजनाएं चलाईं। बावजूद इसके हार ने सबको हैरान कर दिया। आइए समझते हैं इसके पीछे के मुख्य कारण...
1. गठबंधन का बिखराव:
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन टूट गया। इस विभाजन ने वोटों का बड़ा नुकसान किया। दूसरी ओर, भाजपा ने मजबूत रणनीति से गठजोड़ बनाए रखा।
2. भाजपा का चतुर घोषणापत्र:
भाजपा ने AAP की योजनाओं को बंद न करने का वादा किया। इस चालाकी ने जनता को भरोसा दिया कि मौजूदा सुविधाएं जारी रहेंगी, जिससे मतदाता भाजपा के पक्ष में आ गए।
3. शीशमहल विवाद:
अरविंद केजरीवाल की सादगी वाली छवि को उनके आलीशान आवास ने बड़ा झटका दिया। मीडिया में इस मुद्दे ने जनता का विश्वास हिला दिया।
4. अनर्गल आरोप और विवाद:
केजरीवाल द्वारा विरोधियों पर बिना आधार आरोप लगाने और बार-बार माफी मांगने से उनकी विश्वसनीयता कमजोर हुई।
5. शराब घोटाला:
पिछले दो साल में शराब नीति घोटाले ने पार्टी की छवि को भारी नुकसान पहुंचाया। इस मामले में कई बड़े नेता जांच के घेरे में आए।
6. झूठे वादों की बौछार:
महिलाओं को हर महीने ₹2,100 देने का वादा पार्टी के लिए उल्टा पड़ा, क्योंकि इससे पहले किए गए ₹1,000 के वादे भी पूरे नहीं हुए थे।
7.पीएम मोदी बनाम केजरीवाल: मोदी मैजिक का जलवा
दिल्ली चुनाव में पीएम मोदी ने कमान संभालते हुए 5 बड़ी रैलियां कीं, जो 40 सीटों को कवर करती थीं। विकास और सहूलियतों पर फोकस का असर दिखा, क्योंकि इनमें से करीब 30 सीटें भाजपा ने जीतीं। डबल इंजन सरकार के वादे ने मतदाताओं को आकर्षित किया।