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रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल 2025 में ऐतिहासिक जीत का जश्न बुधवार (4 जून) को एक भीषण हादसे में बदल गया। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित ‘विक्ट्री परेड’ के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 33 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा ना सिर्फ इस शहर बल्कि पूरे देश के खेल प्रेमियों के लिए एक झकझोर देने वाली त्रासदी बन गया है।
RCB की जीत का जश्न मातम में बदला: बेकाबू भीड़ ने ली कई जानें
RCB ने मंगलवार (3 जून) को अहमदाबाद में पंजाब किंग्स को हराकर पहली बार आईपीएल ट्रॉफी जीती थी। अगले दिन 4 जून, बुधवार को शहर में जश्न की तैयारियां जोरों पर थीं। हजारों की भीड़ खिलाड़ी देखने के लिए उमड़ी, लेकिन भीड़ नियंत्रण में न आ सकी और एक पल में माहौल मातम में बदल गया।
बीते 10 दिनों में तीसरी बार खेल बना 'हादसे की वजह'
RCB हादसे से 9 दिन पहले इंग्लैंड में फुटबॉल क्लब लिवरपूल के EPL जीत जश्न में एक कार फैन भीड़ पर चढ़ा दी गई थी, जिससे 109 लोग घायल हुए। 1 जून को फ्रांस में PSG की जीत पर हुई परेड में भी 2 लोगों की मौत और 190 घायल हुए। यह लगातार तीसरी घटना है जिसमें खेल की खुशी ने जानलेवा मोड़ लिया।
जब खेल के जश्न में बह गईं जानें: ऐसे हादसे जिन्होंने झकझोरा
पेरू की राजधानी लिमा के नेशनल स्टेडियम में अर्जेंटीना और पेरू के बीच टोक्यो ओलिंपिक क्वालिफायर फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। मैच के अंतिम क्षणों में पेरू की टीम ने एक गोल किया, जिसे रेफरी ने अमान्य करार दे दिया। इस विवादित फैसले से नाराज़ फैंस बेकाबू हो गए और हिंसा शुरू हो गई। पुलिस और सुरक्षा बलों ने हालात काबू करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे भीड़ में दहशत फैल गई और लोग एक साथ बाहर की ओर भागने लगे। निकास द्वार बंद होने की वजह से भयानक भगदड़ मच गई।
इस त्रासदी में 328 लोगों की जान गई, जिनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल थे। यह हादसा अब तक के खेल इतिहास का सबसे भयावह स्टेडियम त्रासदी माना जाता है। इसके बाद पेरू सरकार ने स्टेडियम की दर्शक क्षमता में कटौती करने जैसे कड़े कदम उठाए।
इंडोनेशिया के कंजुरुहान स्टेडियम में आयोजित एक फुटबॉल मुकाबला देश के इतिहास की सबसे बड़ी खेल त्रासदियों में बदल गया। अरेमा एफसी और पर्सेबाया सुरबाया के बीच खेला गया यह मैच अरेमा के घरेलू मैदान पर था, लेकिन 2 दशक बाद अरेमा को पर्सेबाया से 3-2 की हार झेलनी पड़ी। मैच खत्म होते ही हार से नाराज़ अरेमा समर्थक मैदान में घुस आए और विरोधी टीम के खिलाड़ियों व स्टाफ पर बोतलें और अन्य वस्तुएं फेंकने लगे। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। गैस के धुएं और दहशत में फैंस एग्जिट गेट्स की ओर दौड़ पड़े।
लेकिन निकासी मार्गों की पर्याप्त व्यवस्था न होने से स्टेडियम के बाहर अराजक भगदड़ मच गई। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की 5 गाड़ियों में आग लगा दी। इस पूरे घटनाक्रम में 174 लोगों की जान चली गई, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। सैकड़ों घायल हुए। इस हादसे ने दुनियाभर में खेल आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इंडोनेशिया सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
घाना की राजधानी अक्रा स्थित ओहेने जान स्पोर्ट्स स्टेडियम में एक रोमांचक फुटबॉल मुकाबला भयावह त्रासदी में तब्दील हो गया। हार्ट्स ऑफ ओक और असांते कोटोको के बीच खेले गए इस मैच में हार्ट्स ऑफ ओक ने 2-1 से जीत दर्ज की, जिससे कोटोको समर्थकों में गहरी नाराज़गी फैल गई।
मैच के बाद नाराज दर्शकों ने मैदान की ओर बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे स्टेडियम में अफरातफरी मच गई। घबराए फैंस निकासी द्वारों की ओर दौड़ पड़े, लेकिन अधिकांश गेट बंद थे।बेहोश पड़े लोगों को रौंदते हुए भगदड़ तेज होती गई। देखते ही देखते यह घटना घाना के खेल इतिहास की सबसे बड़ी आपदा बन गई, जिसमें 126 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। इस भयावह हादसे ने देशभर में खेल आयोजन सुरक्षा और आपात प्रबंधन व्यवस्था की तैयारियों को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी। सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए और खेल सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की गई।
इंग्लैंड के शेफील्ड शहर के हिल्सबोरो स्टेडियम में उस दिन खेल प्रेम की जगह दुख और मातम ने ले ली, जब FA कप सेमीफाइनल मुकाबला लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच खेला जाना था। मैच से पहले ही स्टेडियम में दर्शकों की भीड़ उम्मीद से कहीं ज्यादा हो गई थी। दबाव बढ़ता देख आयोजकों ने एक बंद गेट (गेट नंबर-सी) को खोलने का निर्णय लिया, लेकिन इस निर्णय की कोई पूर्व सूचना या प्रबंधन नहीं था। गेट खुलते ही हजारों दर्शक अचानक अंदर घुसने लगे, जिससे स्टेडियम के एक हिस्से में भयंकर भगदड़ मच गई। लोगों की सांसें रुक गईं, कई भीड़ में दबकर कुचले गए, और कईयों की मौत दम घुटने से हुई। इस त्रासदी में 96 लोगों की जान चली गई और 766 से ज्यादा लोग घायल हुए। घटना के बाद मुकाबला तुरंत रद्द कर दिया गया।
यह हादसा सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि ब्रिटिश फुटबॉल इतिहास की सबसे शर्मनाक और दर्दनाक घटनाओं में से एक बन गया। इसके बाद ब्रिटेन में स्टेडियम सुरक्षा मानकों और दर्शक प्रबंधन के लिए कठोर सुधार लागू किए गए, और "हिल्सबोरो इनक्वायरी" जैसी ऐतिहासिक जांच हुई, जिसने दर्शकों को दोष देने की पुरानी धारणा को गलत साबित किया।
नेपाल की राजधानी काठमांडु के दशरथ स्टेडियम में खेल प्रेमियों के लिए वह दिन कभी न भूलने वाला बन गया, जब एक फुटबॉल मैच अचानक भीषण त्रासदी में तब्दील हो गया। यह मैच जनकपुर सिगरेट फैक्ट्री क्लब और बांग्लादेश के मुक्तिजोधा संगसद के बीच खेला जा रहा था, जिसकी विजेता टीम को त्रिभुवन चैलेंज शील्ड मिलनी थी। मुकाबले के दौरान अचानक आंधी-तूफान और तेज बारिश ने खेल और माहौल दोनों को अस्त-व्यस्त कर दिया। तेज हवाओं और पानी से घबराए हजारों दर्शक स्टेडियम से बाहर निकलने के लिए दौड़ पड़े। निकासी मार्ग पर्याप्त न होने और अव्यवस्थित भगदड़ के चलते 80 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस हादसे ने नेपाल में खेल आयोजनों की सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए। दशरथ स्टेडियम की क्षमता और व्यवस्थाओं की व्यापक आलोचना हुई, जिसके बाद स्टेडियम इंफ्रास्ट्रक्चर और आपदा प्रबंधन पर दोबारा विचार किया गया।
मिस्र के पोर्ट सईद स्टेडियम में खेले गए इजिप्ट प्रीमियर लीग मुकाबले में फुटबॉल प्रेम का जश्न, कुछ ही क्षणों में खून-खराबे और अफरा-तफरी में बदल गया। मैच में अल मस्त्री क्लब ने अल अहली को 3-1 से हराया। लेकिन जीत की खुशी एक पक्ष के लिए दुखद अंत लेकर आई। मैच समाप्त होते ही अल मस्त्री के समर्थकों ने प्रतिद्वंदी टीम अल अहली के फैंस पर हिंसक हमला कर दिया। पत्थर, चाकू, बोतल और पटाखों से लैस भीड़ ने हमला किया, जिससे स्टेडियम में दहशत फैल गई। दर्शकों ने भागकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन स्टेडियम के गेट बंद थे।
सुरक्षा बलों द्वारा गेट न खोलने की वजह से भगदड़ और भीषण हो गई, जिसमें 74 लोगों की दर्दनाक मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। इस हिंसा को लेकर पूरा देश आक्रोशित हो उठा। लोगों ने पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। घटना की जांच के बाद 47 लोगों को दोषी ठहराया गया, जिनमें 9 पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। 11 आरोपियों को मौत की सजा, जबकि कई अन्य को लंबी कैद सुनाई गई। यह घटना मिस्र के खेल इतिहास का सबसे काला अध्याय बन गई और देशभर में खेल आयोजनों की सुरक्षा नीति पर नए सिरे से विचार शुरू हुआ।
ब्रसेल्स के हेसेल स्टेडियम में आयोजित यूरोपियन कप फाइनल में लिवरपूल और यूवेंटस के बीच मुकाबले से पहले ही माहौल तनावपूर्ण हो गया। मैच शुरू होने से कुछ देर पहले लिवरपूल के फैंस ने स्टेडियम की कमजोर दीवार फांदकर यूवेंटस समर्थकों पर हमला कर दिया।
घबराकर भागती भीड़ पर स्टेडियम की दीवार गिर गई, जिससे 39 लोगों की मौके पर मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। यह घटना यूरोपीय फुटबॉल इतिहास के सबसे काले पन्नों में दर्ज हो गई।
हैरानी की बात यह रही कि हादसे के बावजूद 58 हजार दर्शकों की मौजूदगी में मैच खेला गया, जिसे यूवेंटस ने 1-0 से जीत लिया। मैच जीतने की खुशी भी इस त्रासदी की छाया से बाहर नहीं निकल सकी।
घटना के बाद UEFA ने कड़ा रुख अपनाया और इंग्लिश क्लबों को 5 साल तक सभी यूरोपीय प्रतियोगिताओं से प्रतिबंधित कर दिया। लिवरपूल को अतिरिक्त 3 साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा, जिसे बाद में घटा दिया गया। यह हादसा फुटबॉल फैंस के बर्ताव, स्टेडियम की सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों को लेकर पूरी दुनिया में नई बहस की वजह बना।
अल्जियर्स के स्टेडियम में 2010 फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफायर के तहत अल्जीरिया और मिस्र के बीच हाई-वोल्टेज मुकाबला हुआ। अल्जीरिया ने 1-0 से जीत दर्ज की, और इसके साथ ही वर्ल्ड कप में क्वालीफाई करने में कामयाब हो गया। देशभर में इस ऐतिहासिक जीत का भारी उत्साह देखने को मिला। मैच खत्म होते ही हजारों प्रशंसक सड़कों पर उतर आए और जोरदार जश्न शुरू कर दिया। आतिशबाजी, नारेबाज़ी और पटाखों से माहौल रोमांचक हो गया, लेकिन इसी दौरान बेकाबू भीड़ के चलते ट्रैफिक जाम हो गया। हालात ऐसे बने कि कुछ वाहन चालकों ने फैंस पर गाड़ियाँ चढ़ा दीं।
अफरातफरी, कार दुर्घटनाओं और पटाखों के शोर से भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि खुशी के मौके पर भी सुरक्षा व्यवस्था और संयम की कितनी ज़रूरत होती है।
16 अगस्त 1980, कोलकाता: फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ में 16 की मौत
कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में दो चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमों — मोहन बागान और ईस्ट बंगाल — के बीच मुकाबला चल रहा था। यह मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि बंगाल की भावनाओं से जुड़ा एक बड़ा आयोजन होता है। हजारों की संख्या में दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे। मैच के दौरान ईस्ट बंगाल के डिफेंडर दिलीप पालिट द्वारा मोहन बागान के खिलाड़ी बिदेश बासु को गिराने पर दोनों खिलाड़ियों में तीखी बहस हो गई। हालात इतने बिगड़ गए कि रेफरी भी स्थिति को काबू में नहीं रख सका।
खिलाड़ियों की भिड़ंत का असर दर्शकों तक पहुंचा, और गुस्साई भीड़ ने पथराव और बोतलबाज़ी शुरू कर दी। अचानक घबराए दर्शकों में भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने के लिए एक-दूसरे को कुचलते हुए बाहर की ओर भागने लगे। इस अफरातफरी में 16 लोगों की जान चली गई, और सैकड़ों घायल हो गए। यह हादसा भारतीय खेल इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में गिना जाता है। 16 अगस्त को अब पश्चिम बंगाल में "फुटबॉल शोक दिवस" के रूप में भी याद किया जाता है।
2006 FIFA वर्ल्ड कप का फाइनल जर्मनी के बर्लिन में खेला गया, जिसमें इटली ने फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 5-3 से हराकर खिताब जीता। निर्धारित समय और एक्स्ट्रा टाइम में स्कोर 1-1 रहा था। 26 साल बाद वर्ल्ड कप जीतने पर पूरे इटली में जश्न का माहौल बन गया। रोम और नेपल्स जैसे शहरों में हजारों फैंस सड़कों पर उतर आए। लोगों ने आतिशबाजी और हुड़दंग शुरू कर दिया। कुछ इलाकों में भीड़ बेकाबू हो गई और सड़कें पूरी तरह से जाम हो गईं। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग और बल प्रयोग किया, जिससे अफरातफरी फैल गई। भगदड़ और घटनाओं की चपेट में आकर 6 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हुए। खुशी के जश्न में हुआ यह हादसा, यह याद दिलाता है कि सुरक्षा इंतजामों की चूक कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।
क्या सीखना जरूरी है?
RCB के सेलिब्रेशन हादसे ने यह साफ कर दिया कि भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में बड़े सार्वजनिक आयोजनों की सुरक्षा बेहद गंभीर विषय है। भीड़ प्रबंधन, पर्याप्त मेडिकल सुविधा, इमरजेंसी निकासी प्लान और पुलिस की सतर्कता—इन सभी की खामियां ऐसे हादसों में उजागर होती हैं। यह समय सिर्फ शोक व्यक्त करने का नहीं, बल्कि खेल आयोजनों में सुरक्षा मानकों की पुन: समीक्षा और कड़े प्रोटोकॉल लागू करने का है। वरना अगली जीत भी कब मातम में बदल जाए, कोई नहीं जानता।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 June, 2025, 2:07 pm
Author Info : Baten UP Ki