ब्रेकिंग न्यूज़
भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। अमेरिका और चीन ने व्यापार युद्ध में कुछ समय के लिए विराम लगाते हुए 90 दिनों की टैरिफ डील पर सहमति जताई है। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे की वस्तुओं पर लगने वाले आयात शुल्क को सीमित समय के लिए घटाएंगे। अमेरिका और चीन के इस निर्णय से वैश्विक शेयर बाजारों में तेज उछाल दर्ज किया गया है।
90 दिनों की "शुल्क शांति", संयुक्त बयान में क्या कहा गया?
सोमवार को जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने माना कि हालिया चर्चाओं से यह स्पष्ट है कि निरंतर संवाद के माध्यम से व्यापार विवादों को सुलझाया जा सकता है। बयान के अनुसार, अमेरिका और चीन ने भविष्य की चर्चाओं के लिए एक संस्थागत तंत्र विकसित करने का निर्णय लिया है। चीन की ओर से इन वार्ताओं का नेतृत्व स्टेट काउंसिल के वाइस प्रीमियर हे लिफेंग करेंगे, जबकि अमेरिका की ओर से ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट और यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जैमीसन ग्रीर इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। बातचीत चीन, अमेरिका या किसी तटस्थ तीसरे देश में आयोजित की जा सकती है।
ट्रंप प्रशासन का रुख और टैरिफ नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल से ही टैरिफ को एक प्रमुख व्यापारिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने कई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, पर व्यापार घाटे को लेकर पारस्परिक शुल्क लगाए थे। हालांकि, बाद में बातचीत की संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने 90 दिनों के लिए शुल्क स्थगित करने का फैसला लिया। इन 90 दिनों में अमेरिका चीन की वस्तुओं पर औसतन 30 प्रतिशत और चीन अमेरिका की वस्तुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। ट्रंप ने संकेत दिया है कि भविष्य में यह शुल्क 245 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं यदि बातचीत विफल होती है।
वैश्विक बाजारों में दिखा असर
अमेरिका और चीन के बीच इस टैरिफ समझौते का असर तुरंत वैश्विक बाजारों पर दिखा। अमेरिकी फ्यूचर्स मार्केट में 2 प्रतिशत की बढ़त देखी गई, वहीं हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 3 प्रतिशत तक उछल गया। यूरोप के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स – जर्मनी और फ्रांस में भी 0.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
टैरिफ का असली कारण – फेंटेनाइल पर दबाव
ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, चीन से आने वाले सामानों पर आयात शुल्क का मुख्य उद्देश्य बीजिंग पर यह दबाव बनाना है कि वह अमेरिका में सिंथेटिक ओपिओइड फेंटेनाइल की आपूर्ति को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाए। यह अमेरिकी युवाओं में ड्रग्स संकट के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की नीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
ट्रेड वॉर में अस्थायी विराम
जहां एक ओर दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, वहीं अमेरिका और चीन का यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाने का संकेत है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह 90 दिन की राहत व्यापार संबंधों को नई दिशा दे पाएगी या नहीं।
Baten UP Ki Desk
Published : 12 May, 2025, 4:30 pm
Author Info : Baten UP Ki