बड़ी खबरें
चंद्रमा की पूजा का महत्व-
मान्यता है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने से न केवल राशि में चंद्रमा मजबूत होता है, बल्कि इससे मानसिक शांति और शक्ति भी प्राप्त होती है। दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास की वृद्धि होती है, जिससे पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
करवा चौथ की पूजा विधि-
पूजन की तैयारी करते समय सबसे पहले एक चौकी पर शुद्ध और कच्ची पीली मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाकर लाल कपड़े पर स्थापित करें। ज्योतिषाचार्य अनीता पाराशर ने बताया कि इस दिन चौथ माता और चंद्र देवता की पूजा साथ-साथ करनी चाहिए। माता पार्वती को लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी और सुहाग से जुड़ा सामान अर्पित करें। भगवान शिव और गणेश जी को चंदन, अक्षत, पुष्पमाला आदि अर्पित करें। पूजा के बाद पूड़ी, लड्डू, मेवा, और हलवे का भोग चढ़ाएं और करवा चौथ की कहानी सुनें। अंत में आरती करें और घर के बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करें। चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
राशि के अनुसार करें विशेष शृंगार-
ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय के अनुसार, करवा चौथ के दिन राशि के अनुसार शृंगार करना अत्यंत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि किस राशि की महिलाओं को किस प्रकार का शृंगार करना चाहिए:
करवा चौथ: प्रेम, विश्वास और शक्ति का प्रतीक-
करवा चौथ का पर्व सुहागिनों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। यह न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को भी बढ़ाता है। इसलिए इस दिन न केवल व्रत करें, बल्कि विधिपूर्वक पूजा करें और अपने जीवन में सुख, शांति और प्रेम का आह्वान करें।
Baten UP Ki Desk
Published : 19 October, 2024, 2:14 pm
Author Info : Baten UP Ki