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एक आपदा जिसने ली 158 लोगों की जान, आर्मी से लेकर NDRF तक कर रही बचाव

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केरल में आई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा में अब तक 158 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं। राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया है। प्रभावित इलाकों में आर्मी, NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और पुलिस बलों को तैनात किया गया है। ये टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं, जिससे प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके और मलबे में दबे लोगों को निकाला जा सके।

केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 158 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 128 घायल है। वहीं सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है।

1200 कर्मी किए गए तैनात-

वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित चूरलमाला में खोज और बचाव अभियान जारी है। फिलहाल भारतीय सेना, डीएससी केंद्र, प्रादेशिक सेना, एनडीआरएफ, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के 1200 बचावकर्मी यहां तैनात हैं।भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया।

कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट-

भारतीय मौसम विभाग ने मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पथनमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। तिरुवनंतपुरम और कोल्लम में बारिश की कोई चेतावनी नहीं है। 

हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों का उपयोग-

NDRF की 12 टीमें और आर्मी की कई यूनिट्स को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इन टीमों ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि मुश्किल से पहुंचने वाले इलाकों तक भी मदद पहुंच सके।

सरकार की ओर से क्या है प्रतिक्रिया?

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस आपदा पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "हम इस कठिन समय में प्रभावित लोगों के साथ हैं। सभी संभव मदद और राहत प्रदान की जा रही है।"

बंगाल के राज्यपाल की प्रतिक्रिया 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भूस्खलन की वजह से मारे गए लोगों पर दुख जताया। उन्होंने कहा,"हम इस त्रासदी से बहुत दुखी और स्तब्ध हैं। हम सभी संकट की इस घड़ी में एक साथ खड़े होंगे और इस तूफान का डटकर सामना करेंगे। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।"

मौसम की स्थिति-

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं। सभी नागरिकों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

सहायता और पुनर्वास-

केंद्र और राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के पुनर्वास और सहायता के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है। राहत शिविरों में खाने-पीने और रहने की सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से निपटा जा सके।

नागरिकों से अपील-

सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी निर्देशों का पालन करें। यदि संभव हो, तो वे बचाव कार्य में सहायता करें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।

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