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फिल्मी दुनिया में बीते 4 दशकों से ज्यादा समय से अभियन करने वाले शक्ति कपूर आज अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। हीरो से लेकर विलेन, कॉमेडियन, कैरेक्टर आर्टिस्ट समेत शक्ति कपूर ने कई रोल अदा किए हैं। इसे किस्मत ही कहेंगे कि शक्ति कपूर कभी एक्टर नहीं बनना चाहते थे फिर भी कमाल के एक्टर बने। उनके बर्थडे पर जानते हैं उन्ही के जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्सों के बारे में..
करीब 700 फिल्मों में कर चुके हैं काम-
शक्ति कपूर अब तक करीब 700 फिल्में कर चुके हैं। शक्ति कपूर ने हर तरह के रोल किए हैं। ज्यादातर विलेन और कॉमेडियन बनने वाले शक्ति कपूर एक फिल्म में हीरो भी बन चुके हैं। हलांकि वो फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई, उसके बाद फिर कभी इन्होंने हीरो बनने की हिम्मत नहीं जुटाई। गोविंदा संग इन्होंने कई फिल्मों में कॉमेडियन की भूमिका निभाई है जिसको लोगों ने काफी पसंद भी किया है।
पिताजी चाहते थे कपड़ों का व्यापार संभालूं-
शक्ति कपूर का जन्म आज से 70 साल पहले दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में हुआ था। कनॉट प्लेस में उनके पिताजी की कपड़े की बहुत बड़ी दुकान थी। वो डिजाइनर थे। कपड़े की मेकिंग के लिए लोगों की अलग-अलग यूनिट थी। शक्ति कपूर चार भाई-बहन हैं, दो भाई और दो बहन। हालांकि इनसे छोटे भाई की कैंसर से मौत हो चुकी है। शक्ति कपूर ने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। यह वही कॉलेज है, जहां से सतीश कौशिक,अमिताभ बच्चन जैसे कई बड़े एक्टर्स ने भी पढ़ाई की है। इनके पिता जी चाहते थे कि वो ग्रेजुएशन कर उन्हीं की तरह फैमिली बिजनेस को आगे ले जाएं लेकिन इनको ये पसंद नहीं था।
मैं तो एक्सीडेंटल फिल्मों में आया-
शक्ति कपूर बताते हैं कि उनका स्पोर्ट्स की तरफ झुकाव ज्यादा रहा है। वो तो एक्सीडेंटल फिल्मों में आ गये। दरअसल, कॉलेज के कुछ दोस्त थे जो थिएटर करते थे। वो FTII का का फॉर्म भर रहे थे। एक दिन शक्ति कपूर बहुत दुखी बैठे थे पूछने पर दोस्तों को बताया कि उनको फैमिली बिजनेस में कोई इंटरेस्ट नहीं है। फिर भी कॉलेज के बाद दुकान पर बैठना ही पड़ता है। क्रिकेट खेलने का टाइम भी नहीं मिलता। इतना कहकर वो दोस्तों के पास से चले गए। दोस्तों ने शायद शक्ति कपूर की परेशानी समझ ली। उन्होंने बिना बताए अपने साथ FTII के लिए उनका भी फॉर्म भर दिया। हलांकि उनको इस वक्त तक एक्टिंग का कोई शौक नहीं था। एक दिन घर पर चिट्ठी आई, जिसमें दिल्ली में रिटेन टेस्ट की जानकारी थी। दोस्तों से पूछने पर पता चला कि उनका फॉर्म भी दोस्तों ने ही भर दिया था। इसके बाद ऑडिशन के लिए बुलावा आया उसे भी शक्ति कपूर ने दिया।
48 हजार में से 10 लड़कों का हुआ सेलेक्शन-
शक्ति कपूर बताते हैं जब ऑडिशन देने की बारी आई, तब देखा कि सामने दादा मुनि अशोक कुमार, एक्ट्रेस कामिनी कौशल और डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी बैठे थे। उनके सामने परफॉर्म करना था इतने दिग्गज लोगों को देखते ही सबसे पहले तो उनके पांव छुए। खुश हो गया कि इतने बड़े-बड़े लोग वहां बैठे हैं। मुझे पक्का विश्वास था कि मेरा कुछ होना नहीं है इसलिए मैंने डायलॉग बोलना शुरू किया। डायलॉग के बीच-बीच में उनके पांव को हाथ लगाने का इशारा करता रहा। 48 हजार में से 10 लड़कों को सिलेक्ट करना था। दिल्ली से सिर्फ तीन लड़के सेलेक्ट हुए थे उनमें एक अनिल धवन, दूसरे नसीरूद्दीन और तीसरे शक्ति कपूर थे। इस बात से सारे दोस्त नाराज हो गए उन्हें लगा कि पैसे देने से मेरा सेलेक्शन हुआ है। फिर मैंने अपनी मम्मी से कहा कि FTII में मेरा सिलेक्शन हो गया है और अब स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया है। ऐसा करके मैं पूना पहुंच गया और स्क्रीन टेस्ट में भी पास हो गया। वहां सेकेंड ईयर में पढ़ ही रहा था तब पहली फिल्म ‘खेल खिलाड़ी का’ साइन कर ली इस तरह से एक्टिंग करियर की शुरूआत हो गई।
जिस फिल्म में हीरो बना वो लगते ही उतर गई-
शक्ति कपूर के मुताबिक उन्होंने हीरो बनने की कोशिश की थी एक फिल्म में उनको हीरो का रोल मिल गया। फिल्म का नाम जख्मी इंसान था ये फिल्म 12 बजे सिनेमाघरों में लगी और 12:30 बजे उतर गई। फिल्म की तरह ही प्रोड्यूसर, डिस्ट्रीब्यूटर सभी लोग जख्मी हो गए। मतलब सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कभी दोबारा हीरो बनने की हिम्मत नहीं जुटाई। लेकिन हां एक्टिंग की जरनी जरूर जारी रखी और अब तक करीब 700 फिल्मों में काम किया और आगे भी जारी है...
Baten UP Ki Desk
Published : 3 September, 2023, 3:56 pm
Author Info : Baten UP Ki