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रणदीप हुड्डा ने मणिपुर में रचाई शादी, जानें मणिपुर की शादी में क्या है खास

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भारत में शादी-विवाह को एक पवित्र बंधन माना जाता है। जिसमें लड़का और लड़की जिंदगी भर एक दूसरे का साथ निभाने के वचन लेते हैं। हालांकि इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि भारत एक विभिन्न जातियों और धर्मों वाला देश है। यहां के विभिन्न राज्यों में शादी करने के अगल- अगल तरीके हैं। सभी धर्मों की अपनी अलग-अगल मान्याताएं एवं रीति-रिवाज हैं। बॉलीवुड के मशहूर एक्टर रणदीप हुड्डा ने अपनी लाइफ पार्टनर लिन लैशराम के साथ शादी के बंधन में बंध गए। इनकी शादी की क्यों इतनी चर्चा हो रही आइए आपको बताते हैं... 

मणिपुर के रीति-रिवाज से रचाई शादी- 

रणदीप हुड्डा जहां हरियाण के रहने वाले हैं वहीं उनकी पत्नी मणिपुर की रहने वाली हैं। रणदीप ने अपने शादी मणिपुर में पूरे रीति रिवाज के साथ की। आपको बता दें कि रणदीप हुड्डा की शादी 2023 में अब तक की सबसे खास शादी मानी जा रही है। रणदीप की पत्नी लिन लैशराम मणिपुर की एक जानी-मानी मॉडल हैं। दोनों ने ही मणिपुर में पूरे रीति रिवाज के साथ शादी की। जहां एक तरफ लिन लैशराम सिलेंड्रिकल स्कर्ट में रणदीप हुड्डा के फेरे लिए  तो वहीं दूसरी तरफ रणदीप ने भी सफेद कलर के धोती कुर्ते में शादी के वचनों को पढ़ा। इस दौरान दोनों ही बेहद खूबसूरत लग रहे थे। 

मणिपुर की शादियां- 

मणिपुर की शादियां दुल्हन के घर होती हैं और शादियों में हेजियापोट, बोर बैटन और लीलेंगा, लुहोंगबा, फामनंडो की जैसी कई रस्में होती हैं। जिसमें सबसे खास रस्म लीलेंगा की होती है। लीलेंगा में दुल्हन अपने और दुल्हे के लिए दो माला बुनती है और पुजारी की उपस्थिति में अपने वैवाहिक जीवन के लिए पवित्र प्रार्थना करती है। इसके बाद शादी समारोह का फक्शंन होता है। शादी समारोह में विवाह मंडप या बैठने की व्यवस्था एक तुलसी के पौधे के चारों ओर की जाती है। दूल्हा पुजारी के साथ बैठता है क्योंकि वह प्रार्थना करता है और दुल्हन को बाद में बुलाया जाता है। दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के हाथों पर हाथ रखते हैं और दुल्हन की मां इसे धागे से बांधती है और जोड़े को एक थाली देकर आशीर्वाद देती है। इसमें एक नारियल, केला और सुपारी और सुपारी होती है। एक बार जोड़े को दुल्हन की मां द्वारा आशीर्वाद दिया जाता है, फिर अन्य बुजुर्ग उन्हें भी आशीर्वाद देते हैं और थाली में पैसे भी देते हैं। दुल्हन बैठे हुए दूल्हे के चारों ओर 7 चक्कर लगाती है और दूल्हा और दुल्हन वरमाला का आदान-प्रदान करते हैं। इसके बाद शादी सम्पन्न हो जाती है। 

 

 

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