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दो हजार एकड़ की जादुई दुनिया बनाने वाले रामोजी राव ने इस दुनिया को कहा अलविदा !

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एक किसान परिवार से निकलकर दो हजार से ज्यादा एकड़ की जादुई दुनिया बनाने वाले मीडिया पर्सनैलिटी और रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव का आज यानी शनिवार की सुबह निधन हो गया। उन्होंने हैदराबाद के स्टार हॉस्पिटल में 87 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। तेलंगाना सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ रामोजी राव का अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है। रामोजी फिल्म सिटी एक ऐसी दुनिया है जहां हर मोड़ पर रोमांच है और अद्भुत आश्चर्यों से भरी हुई है।

पीएम मोदी ने जताया शोक-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामोजी राव के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने  सोशल मीडिया साइट्स X पर उनके साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'रामोजी राव का निधन बेहद दुखद है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय मीडिया में क्रांति ला दी। उन्होंने पत्रकारिता और फिल्म की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है।'

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है फिल्म सिटी-

साधारण परिवार में जन्मे रामोजी राव ने दशकों तक अथक मेहनत की एवं अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण मीडिया के क्षेत्र में अपना साम्राज्य स्थापित किया और एक ऐसी  शानदार फिल्म सिटी की स्थापना की जो, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। रामोजी फिल्म सिटी दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स के तौर पर शामिल है।

रामोजी राव को पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित-

रामोजी राव मीडिया के क्षेत्र में  बहुत बड़ा कद था। उन्होंने 1962 में रामोजी ग्रुप की नींव रखी थी, जिसमें हैदराबाद स्थित दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी, उषा किरण मूवीज, मयूरी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स, मार्गदर्शी चिट फंड और डॉल्फिन ग्रुप ऑफ होटल्स शामिल हैं। रामोजी ETV नेटवर्क के टेलीविजन चैनलों और तेलुगु न्यूजपेपर ईनाडु ​​​​​​के भी प्रमुख थे। रामोजी को पत्रकारिता, साहित्य और शिक्षा में उनके योगदान के लिए 2016 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

'ईनाडु' ने  तेलुगु पत्रकारिता में लाई क्रांति-

रामोजी राव का पूरा नाम चेरुकुरी रामोजी राव था। उनका जन्म 16 नवंबर 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पेडापरुपुडी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्हें भारत का रुपर्ट मर्डोक कहा जाता है। उनके दादा ने उनका नाम रामैया रखा, लेकिन रामैया ने अपना नाम बदलकर रामोजी राव रख लिया। रामोजी की अपनी जड़ों के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें 1969 में अन्नदाता पत्रिका शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जिसने कृषि विज्ञान केंद्रों और किसानों के बीच की खाई को पाट दिया। इसके बाद 'ईनाडु' ने अपने अभिनव दृष्टिकोण के साथ तेलुगु पत्रकारिता में क्रांति ला दी। उन्होंने घर-घर जाकर समाचार पत्र पहुंचाने और स्थानीय समाचारों के साथ पाठकों को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। 

रामोजी फिल्म सिटी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल-

रामोजी फिल्म सिटी ने हैदराबाद को वैश्विक फिल्म निर्माण केंद्र में बदल दिया। इस स्टूडियो में 50 शूटिंग फ्लोर है। यहां एक साथ 15 से 25 फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। फिल्म सिटी में फिल्म की प्री-प्रोडक्शन से पोस्ट प्रोडक्शन तक की तमाम सुविधाएं एक जगह मौजूद हैं। फिल्म प्रोडक्शन के अलावा रामोजी फिल्म सिटी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। यहां हर साल दस लाख से भी ज्यादा लोग घूमने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बन गया। तेलुगु भाषा को संरक्षित करने उन्होंने तेलुगु वेलुगु और बालभारत जैसी पहल शुरू की। इनके माध्यम से भावी पीढ़ियों को शिक्षित करने के लिए रामोजी के प्रयास सराहनीय हैं। उन्हें पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जो मीडिया और समाज में उनके असाधारण योगदान को दर्शाते हैं।

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