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'मुसद्दीलाल' का हर किरदार है अभिनय की पाठशाला

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(Special Story) कभी खलनायक तो कभी पुजारी और चर्चित सीरियल 'ऑफिस-ऑफिस' में मुसद्दीलाल बन पर्दे पर छाए  पंकज कपूर के सभी किरदार अभिनय की पाठशाला हैं। हिंदी सिनेमा में बहुत कम कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने किरदारों से अपने अभिनय को परिभाषित किया है। उनके किरदारों की पहचान उनके नाम सेआगे चलती है। पंकज कपूर ऐसे ही कलाकारों में शामिल हैं। 29 मई 1954 को  लुधियाना में जन्में  बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पंकज कपूर अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पंकज ने बचपन से ही अभिनय को अपना शौक बना लिया था और स्कूल के दिनों में भी वह  एक्टिंग और थियेटर में एक्टिव थे। पंकज ने अभिनय में तो अपना दमखम दिखाया ही है, लेकिन पढ़ाई में भी वह किसी से भी कम नहीं थे। पढ़ाई की यदि बात की जाए तो पंकज ने 1973 में इंजीनियरिंग के एग्जाम में टॉप किया था। हालांकि्, उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर अभिनय में अपना करियर बनाया। आज पंकज कपूर और उनके फैंस उनका 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए इस मौके पर जानते हैं उनके द्वारा निभाए गए कुछ जीवंत किदारों और उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों को..

हर पर्दे पर छोड़ी अपनी छाप-

परदा छोटा हो या बड़ा, पंकज ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी। करमचंद जासूस, मुंगेरीलाल के हसीन सपने, ऑफिस ऑफिस हो या फिर जाने भी दो यारों, मंडी मोहन जोशी हाजिर हो, तमस, रोजा और पिछली फिल्म भीड़... पंकज कपूर ने हर किरदार में जान फूंक दी। पंकज को बचपन से एक्टिंग का शौक था। इसलिए उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग सीखी और एक्टर बनने मायानगरी पहुंच गए। उन्होंने साल 1982 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'आरोहण' से डेब्यू किया था।

उनके नाम  से आगे चलते हैं उनके किरदार

पंकज कपूर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक किरदार निभाये हैं। जिस सरलता के साथ वो किरदार में उतरते हैं वो हैरान करता है साथ ही एक प्रेरणा भी है। हिंदी सिनेमा में बहुत कम कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने किरदारों से अपने अभिनय को परिभाषित किया है। उनके किरदारों की पहचान उनके नाम से आगे चलती है। पंकज कपूर ऐसे ही कलाकारों में शामिल हैं। इन्होंने अपने 4 दशक के करियर में कई यादगार किरदार निभाए हैं। इन किरदारों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। लेकिन इनकी कुछ झलकियां इस प्रकार हैं।

जब खलनायक बनकर बटोरी सुर्खियां-

पंकज कपूर ने अभिषेक बच्चन और संजय दत्त-स्टारर 'दस' में खलनायक की भूमिका निभाई थी। संजय दत्त को बॉलीवुड का खलनायक कहा जाता है, लेकिन इस फिल्म में पंकज कपूर ने खलनायक बनकर खूब प्रशंसा हासिल की थी। साल 1983 में आई फिल्म 'जाने भी दो यारों' को कुंदन शाह ने डायरेक्ट किया था। लीड रोल में थे नसीरुद्दीन शाह, नीना गुप्ता, ओम पुरी, सतीश शाह, सतीश कौशिक और पंकज कपूर। फिल्म में एक्टर ने एक बेइमान बिल्डर तरनेजा का किरदार निभाया था, जो एक ऑफिसर का खून कर देता है। पंकज ने इस किरदार को बहुत अच्छे से पर्दे पर उतारा था। नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के प्रोडक्शन में बनी फिल्म 'एक डॉक्टर की मौत' में पंकज कपूर ने डॉ. दीपांकर रॉय का किरदार निभाया था। यह फिल्म डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय के जीवन पर आधारित थी। जिन्हें इंटरनेशनल मेडिकल कम्युनिटी में वह सम्मान नहीं मिला था, जिसके वह हकदार थे। पंकज ने एक बार फिर साबित कर दिया था कि उनमें एक्टिंग का कीड़ा है। क्रिटिक्स से लेकर फैंस तक ने उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ की थी। जब भी बात पंकज कपूर की बेस्ट परफॉर्मेंस की आएगी, तब उनके मुसद्दीलाल के किरदार को जरूर याद किया जाएगा। उन्होंने टीवी शो 'ऑफिस ऑफिस' में अपने किरदार से ऑडियंस को हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर दिया था। फनी शो में पंकज ने अपने सेंस ऑफ ह्यूमर की वजह से खूब वाहवाही बटोरी थी। 2001 में आए इस शो को 2020 में लॉकडाउन में फिर से टेलीकास्ट किया गया था। फिल्म 'धर्म' में पंकज कपूर ने पुजारी का किरदार निभाया था। वह पंडित चतुर्वेदी के रोल में दिखाई दिए थे। इसमें पंकज त्रिपाठी और सुप्रिया पाठक भी लीड रोल में थीं। पुजारी बने पंकज को इस फिल्म के लिए काफी प्रशंसा मिली थी। साल 2010 में आई कॉमेडी ड्रामा मूवी 'हप्पी' में पंकज ने हप्पी का किरदार निभाया था, जिसने अपने किरदार से ऑडियंस के चेहरे पर स्माइल ला दी थी। फिल्म में लीड रोल में उनकी वाइफ सुप्रिया पाठक थीं। 

टीवी शोज में दिखा पंकज कपूर का जलवा-

पंकज ने टीवी शोज में भी अपने एक्टिंग का जलवा दिखाया है। उन्होंने  ‘नीम का पेड़’, ‘करमचंद’ और ‘ऑफिस ऑफिस’ जैसे टीवी शोज किए हैं। वहीं, फिल्मों की बात की जाए तो पंकज ने दो यारों,मकबूल, हल्ला बोल, आघात, रोज़ा, मंडी, गांधी और दस फिल्में की हैं। फैंस को आज भी पंकज की यह फिल्में देखना काफी पसंद है। पंकज कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने शो के डायरेक्टर राजीव मेहरा के साथ सीरियल जबान संभाल के में भी काम किया था। ऐसे में उन्हें ऑफिस-ऑफिस में मुसद्दीलाल का रोल मिला था।

पंकज कपूर से जुड़े निजी जिंदगी के कुछ हिस्से-

पंकज कपूर की पहली पत्नी नीलिमा अजीम हैं। पंकज और नीलिमा की मुलाकात उन दिनों हुई थी, जब अभिनेता थिएटर किया करते थे और नीलिमा डांस की दुनिया में अपना नाम चमकाना चाहती थीं। पंकज की जब शादी हुई तो वह मात्र 21 साल के थे। वहीं, नीलिमा केवल 16 साल की थीं। इस शादी से शाहिद कपूर का जन्म हुआ था। हालांकि, नौ साल की शादी के बाद दोनों ने तलाक ले लिया। इसके बाद पंकज ने सुप्रिया पाठक का हाथ थामा और उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाया।

पंकज कपूर को मिला नेशनल अवॉर्ड-

विशाल भारद्वाज की निर्देशित फिल्म 'मकबूल' (2003) में पंकज कपूर ने तब्बू के उम्रदराज पति 'जहांगीर खान' का किरदार निभाकर खूब तारीफें बटोरीं। अपनी उम्दा एक्टिंग के लिए पंकज ने बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता। इसी किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड (बेस्ट एक्टर) भी मिला

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