बड़ी खबरें

'संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के हस्तक्षेप नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका 12 घंटे पहले 25 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में वन क्षेत्रों पर अतिक्रमण, MP और असम में सबसे ज्यादा 12 घंटे पहले IIT गुवाहाटी ने विकसित की बायोचार तकनीक, अनानास के छिलके-मौसमी के रेशे साफ करेंगे पानी 12 घंटे पहले बेहद खतरनाक जलवायु प्रदूषक है ब्लैक कार्बन, मानसून प्रणाली में उत्पन्न कर रहा है गंभीर बाधा 12 घंटे पहले संपत्ति का ब्योरा न देने वाले आईएएस अफसरों को करें दंडित, संसदीय समिति ने की सिफारिश 12 घंटे पहले 'राष्ट्र को मजबूत बनाती भाषाएं...,' सीएम योगी बोले- राजनीतिक हितों के लिए भावनाओं को भड़का रहे नेता 12 घंटे पहले

कैसे एक रेस्टोरेंट ने खोले विनोद मेहरा की किस्मत के ताले, बर्थ एनिवर्सरी पर जानिए कुछ दिलचस्प किस्से

Blog Image

एक दिन विनोद मेहरा अपने कुछ दोस्तों के साथ मुंबई के मशहूर गेलॉर्ड रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे, जहां उन पर मशहूर डायरेक्टर रूप के. शौरी की नज़र पड़ गई। रूप के. शौरी ने उन्हें अपने दफ्तर बुलाया और उन्हें 1971 की फिल्म एक थी रीटा में कास्ट कर लिया। 1971 में रिलीज हुई ये फिल्म जबरदस्त हिट रही और विनोद मेहरा को पूरे देश में पहचान मिल गई। यहीं से विनोद मेहरा के बतौर हीरो करियर की शुरुआत हो गई। 
70 के दशक के हैंडसम अभिनेताओं में गिने जाने वाले विनोद मेहरा की आज 79वीं बर्थ एनिवर्सरी है। विनोद मेहरा ने अमर प्रेम, घर, जानी दुश्मन, नौकर बीवी का जैसी करीब 100 बेहतरीन फिल्मों में काम करके प्रसिद्धि हासिल की। लेकिन उनकी निजी जिंदगी हमेशा ट्रैजडी से भरी रही। महज 45 साल की उम्र में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था। आइए जानते हैं इनके जीवन के कुछ रोचक किस्से... 

विनोद मेहरा का जन्म-

विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनके पिता परमेश्वरी दास एक बिजनेसमैन थे, जो भारत को आजादी मिलने के ठीक बाद बिजनेस करने के लिए अमृतसर से बॉम्बे (अब मुंबई) आए थे। बॉम्बे में परमेश्वरी दास की बहन शारदा, हिंदी सिनेमा से जुड़ीं और छोटे-मोटे रोल करने लगीं। फिल्म 'रागिनी' से उन्होंने बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 1971 में रिलीज हुई फिल्म 'एक थी रीता' से हीरो के रूप में प्रसिद्ध हुए।

10 साल की उम्र से एक्टिंग की शुरुआत-

बुआ की मदद से विनोद मेहरा को महज 10 साल की उम्र में 1955 की फिल्म अद्ल-ए-जहांगीर में चाइल्ड आर्टिस्ट का काम मिल गया। इसके बाद 13 साल के विनोद 1958 की फिल्म रागिनी में भी नज़र आए। 1960 की फिल्म बेवकूफ में विनोद ने किशोर कुमार के बचपन का रोल किया था। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करते हुए ही विनोद ने बॉम्बे में रहकर सांताक्रूज स्थित सेक्रेड हार्ट बॉयज हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी की और फिर सेंट जेवियर कॉलेज में बैचलर डिग्री लेने के लिए दाखिला ले लिया।

विनोद मेहरा की 3 शादियां- 

विनोद मेहरा ने अपने दौर में तीन शादियां की थी। विनोद मेहरा की पहली शादी 1974 में मीना ब्रोका से हुई थी, लेकिन ये रिश्ता बहुत सालों तक नहीं चल सका और 1978 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उनका अफेयर 80 के दशक की अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से रहा।

बिंदिया गोस्वामी से की दूसरी शादी-

माना जाता है कि विनोद मेहरा ने बिंदिया गोस्वामी से दूसरी शादी तब की जब वह महज 18 साल की थीं। लेकिन शादी के 4 साल बाद बिंदिया और विनोद में दूरियां आ गईं। विनोद मेहरा से अलग होने के बाद एक्ट्रेस ने फिल्म मेकर जे.पी. दत्ता से शादी कर ली थी। कहा जाता है बिंदिया की दूसरी शादी का विनोद मेहरा की जिंदगी पर बहुत गहरा असर पड़ा था।

किरण मेहरा से की तीसरी शादी-

पहली और दूसरी पत्नी से अलग होने के बाद विनोद मेहरा की जिंदगी में तीसरी शादी का भी होना शामिल था। उन्होंने किरण मेहरा से 1988  में शादी की थी। इस शादी के बाद उन्हें एहसास हुआ था अब वह एक खुशहाल जिंदगी जीने लगेंगे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। किरण से शादी के दो साल बाद ही विनोद मेहरा को हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया।

रेखा से भी चला था अफेयर-

विनोद मेहरा का नाम जानी-मानी एक्ट्रेस रेखा से भी जुड़ा था। दोनों की लव स्टोरी के किस्से बॉलीवुड के गलियारों में सरेआम थे। लेकिन ये लव स्टोरी भी कुछ ही दिनों की थी और एक वक्त के बाद दोनों अलग हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो विनोद मेहरा ने रेखा से छिपकर शादी की थी, लेकिन यह रिश्ता महज दो महीने ही चल पाया था। कहा जाता है कि विनोद मेहरा की मां को रेखा पसंद नहीं थीं।

इस वजह से नहीं मिला सुपरस्टार का ताज-

70 के दशक में विनोद मेहरा ने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी थीं। हर कोई उनकी एक्टिंग का दीवाना हो गया था। डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्मों में लेना चाहते थे लेकिन उन्हें हमेशा सेकंड लीड के किरदार के लिए ऑफर किया गया। हांलाकि उन फिल्मों में वह लीड रोल के हकदार थे। हमेशा सेकंड लीड रोल मिलने की वजह से उन्हें कभी सुपरस्टार का ताज नहीं मिल पाया।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें