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काशी में राहुल ने की RSS की तारीफ! कहा-भारत जोड़ो न्याय य़ात्रा में आते हैं RSS और BJP के लोग, अच्छे से बात करते हैं

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वाराणसी पहुंची भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सुर कुछ बदले-बदले से दिखे। न्याय यात्रा से प्रेम का संदेश देने निकले राहुल ने आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं की तारीफ की। इधर, भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल की यात्रा गुजरने के बाद रास्ते को गंगाजल से धोया। भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होकर शनिवार को वाराणसी पहुंच चुकी है। यात्रा को शुरू हुए 35 दिन हो चुके हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि, "पूरी यात्रा के दौरान मैंने कभी नफरत नहीं देखी यहां तक कि यात्रा में बीजेपी और आरएसएस के लोग भी आए और हमसे अच्छे से बात की। यह देश तभी मजबूत होगा जब हम साथ मिलकर काम करेंगे। देश को एक साथ लाना ही देश के प्रति सच्ची भक्ति है।"  


बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन-

वाराणसी में राहुल ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। यात्रा वाराणसी के कई रास्तों से होकर गुजरेगी। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कहते हैं, गोदौलिया से रथयात्रा रूट पर पहली बार कांग्रेसी नेता लोगों से संपर्क कर रहा है। राजनीतिक यात्रा कर रहा है। पं.जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने काशी में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है। यही नहीं राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के चौथी बार दर्शन किए।

खूब यात्राएं की काशी की-

भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1910 से 1950 तक बनारस की कई यात्राएं कीं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनका बनारस आना जाना लगा रहता था। वहीं इंदिरा गांधी ने भी बनारस की राजनीतिक और धार्मिक यात्राएं की थीं। पं. जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का बनारस से गहरा लगाव रहा। पं. जवाहर लाल नेहरू पहली बार 1910 में अपने पिता पं. मोतीलाल नेहरू के साथ बनारस आए थे। इसके बाद 1921 में काशी विद्यापीठ के स्थापना समारोह में पहुंचे थे। इसके बाद 1942 और 1946 में वह बनारस पहुंचे थे। आजादी के बाद बतौर प्रधानमंत्री पं. नेहरू 1950 और 1952 में काशी आए थे।

नंदी चौराहे को धोया-

वाराणसी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की न्‍याय यात्रा निकलने के बाद गोदौलिया के नंदी चौराहे को धोया। इसके लिए उन्होंने 51 लीटर गंगाजल का प्रयोग किया। कार्यकताओं का मानना है कि राहुल गांधी ने इस चौराहे को दूषित किया है।

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