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लोकसभा चुनाव 2024 में कुल सात चरणों में मतदान होना है जिनमें से 4 चरणों का मतदान हो चुका है। आज यानी 20 मई को पांचवें चरण में 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर मतदान हुआ। इसी चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर भी वोटिंग हुई। इनमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 52 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई जबकि बाराबंकी सीट पर मतदान का प्रतिशत सबसे ज्यादा रहा जहां 67.10 प्रतिशत वोटिंग हुई। वहीं मोहनलालगंज लोक सभा सीट पर भी 60 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। यह चरण भाजपा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 13 सीटों पर उन्होंने जीत का परचम लहराया था। फिर से भाजपा की इन सीटों पर नजर होगी वहीं दूसरी तरफ गठबंधन भी पूरी ताकत से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहा है। इस चरण का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि इसमें देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की किस्मत का फैसला होना है। इसीलिए इन सीटों का मुकाबला पूरे देश में हाई प्रोफाइल बना हुआ है।
लखनऊ लोक सभा का विधानसभावार वोटिंग प्रतिशत (शाम 6 बजे तक)-
171 पश्चिम- 54.23
172 उत्तर- 51.48
173 पूर्व- 52.24
174 मध्य- 52.42
175 कैंट- 49.28
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कुल प्रतिशत 52.03%
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मोहनलालगंज लोक सभा (अ0जा0) का विधानसभावार वोटिंग प्रतिशत (शाम 6 बजे तक)-
152 सिधौली- 66.49
168 मलिहाबाद- 63.90
169 बीकेटी- 65.68
170 सरोजनीनगर- 54.44
176 मोहनलालगंज- 66.30
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कुल प्रतिशत 62.53%
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इन सीटों पर हुआ मतदान-
उत्तर प्रदेश में 20 मई को जिन 14 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें मोहनलालगंज (एससी), लखनऊ, रायबरेली, अमेठी,जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा शामिल हैं। इनमें रायबरेली ही एकमात्र सीट है, जो 2019 में बीजेपी जीतने में सफल नहीं हुई थी। आइए जानते हैं दिग्गज नेताओं की सीटों पर कैसे चुनावी समीकरण हैं।
लखनऊ लोकसभा सीट-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। लखनऊ सीट पर उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के रविदास मेहरोत्रा और बहुजन समाजवादी पार्टी के सरवर मलिक से है। पिछले 3 दशक से लखनऊ सीट पर बीजेपी की दबदबा कायम है। 2014 के संसदीय चुनाव में लखनऊ सीट पर बीजेपी ने राजनाथ सिंह को मैदान में हैं। 2014 के संसदीय चुनाव में लखनऊ सीट पर बीजेपी ने राजनाथ सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को शिकस्त दी थी। उस चुनाव में राजनाथ सिंह को 561,106 वोट मिले थे। 2019 में बीजेपी के टिकट पर फिर से राजनाथ सिंह मैदान में उतरे और उन्होंने जीत हासिल की।
अमेठी लोकसभा सीट-भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी किस्मत आजमा रही हैं। वे लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने राहुल की जगह किशोरी लाल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया। किशोरी लाल शर्मा पंजाब, बिहार में प्रदेश कांग्रेस समितियों में अहम भूमिका निभा चुके हैं। स्मृति ईरानी को अमेठी में कांग्रेस के लिए बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
रायबरेली लोकसभा सीट-
रायबरेली पारंपरिक रूप से कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट रही है इसीलिए कांग्रेस ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दिनेश प्रताप सिंह से है। राहुल गांधी ने इस चुनाव में वायनाड के अलावा रायबरेली सीट से भी पर्चा भरा है। वायनाड में पहले ही वोटिंग हो चुकी है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बाद वह रायबरेली सीट से चुनाव जीत पाने में सफल होते हैं या नहीं यह तो देखने वाली बात होगी।
कैसरगंज लोकसभा सीट-
विवादों में रहे भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की वजह से कैसरगंज लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल बनी हुई है। यहां मौजूदा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को इस बार विवादों के चलते बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। लेकिन उनके ही बेटे करण भूषण सिंह चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। करण का मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के भगतराम मिश्रा और बसपा के प्रत्याशी नरेन्द्र पांडे से है।
मोहनलालगंज लोकसभा सीट-
इस सीट से केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार कौशल किशोर तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आरके चौधरी से कड़ी टक्कर मिल सकती है। वहीं बहुजन समाज पार्टी से राजेश कुमार चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर मुकाबला कांटे का देखने को मिल सकता है।
झांसी और जालौन लोककसभा सीट-
झांसी से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य चुनावी मैदान में हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान सांसद अनुराग शर्मा से कड़ी चुनौती मिल सकती है। वहीं बसपा के उम्मीदवार स्थानीय छात्र नेता रवि प्रकाश मौर्य हैं।
जालौन, हमीरपुर और बांदा का गणित-
जालौन में केंद्रीय मंत्री भनुप्रताप सिंह वर्मा भाजपा की ओर से चुनावी रण में हैं। जालौन में वे छठी बार चुनाव जीतने की कोशिश करेंगे। उनका मुकाबला सपा और बसपा के उन उम्मीदवारों से है, जो पहली बार सियासी रण में उतरे हैं। हमीरपुर में वर्तमान बीजेपी सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल तीसरी बार जीत के लिए चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। उन्हें सपा के अजेंद्र सिंह राजपूत से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। वहीं बांदा में वर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं। उनके खिलाफ सपा की कृष्णा देवी पटेल और बसपा के मयंक द्विवेदी चुनाव लड़ रहे हैं। मयंक पूर्व बसपा नेता दिवंगत पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी के बेटे हैं।
फतेहपुर, बाराबंकी, फैजाबाद का गणित-
फतेहपुर लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति फिर सियासी रण में हैं। वे तीसरी बार जीत दर्ज करने का प्रयास करेंगी। उन्हें सपा के पूर्व राज्य प्रमुख नरेश उत्तम पटेल से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। कौशांबी सीट पर वर्तमान सांसद विनोद सोनकर भी तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार भी बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है। वहीं उनके खिलाफ महज 25 साल की उम्र के प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। पुष्पेंद्र सपा नेता इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं। बाराबंकी लोकसभा सीट की बात की जाए तो बीजेपी की राजरानी रावत और कांग्रेस के तनुज पुनिया के बीच सीधा मुकाबला है। इसी तरह फैजाबाद के वर्तमान बीजेपी सांसद लल्लू सिंह तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। समाजवादी पार्टी के अनुभवी नेता अवधेश प्रताप से उन्हें कड़ी टक्कर मिल सकती है।
गोंडा सीट लोकसभा का सियासी गणित-
गोंडा लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह और सपा की श्रेया वर्मा के बीच कड़ी टक्कर है। श्रेया राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। क्योंकि वे पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं।
5वें चरण में हैं इतने प्रत्याशी-
पांचवें चरण की 49 सीटों पर कुल 695 प्रत्याशी मैदान में हैं। पांचवें दौर में जिन सीटों पर मतदान हुआ उनमें उत्तर प्रदेश की 14, महाराष्ट्र की 13, बंगाल की सात, बिहार और ओडिशा की पांच-पांच झारखंड की तीन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की एक-एक सीट शामिल है। पांचवें चरण में जिन सीटों पर वोटिंग होनी है, वहां 2019 में कुल 62.01 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। सबसे ज्यादा 80.13 प्रतिशत मतदान बंगाल में हुआ था। जबकि 34.6 प्रतिशत वोटिंग के साथ जम्मू-कश्मीर इस सूची में सबसे नीचे था।
Baten UP Ki Desk
Published : 20 May, 2024, 8:18 pm
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