बड़ी खबरें

'धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी सरकार', वक्फ बिल पर बोले रिजिजू 14 घंटे पहले हार्वर्ड विवि में पढ़ाई जाएगी महाकुंभ की केस स्टडी, देश-दुनिया के 26 संस्थान इस आयोजन पर कर रहे अध्ययन 14 घंटे पहले भारत 100 तो कनाडा व जापान अमेरिकी चीजों पर लगाते हैं 300 से 700% तक टैरिफ 14 घंटे पहले 'मोदी भू-राजनीतिक माहौल में सबसे अहम खिलाड़ी', चिली के राष्ट्रपति ने पीएम की तारीफ में खूब पढ़े कसीदे 14 घंटे पहले

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड प्रदेश के इस शहर में लगाएगी प्लांट, 1500 करोड़ का निवेश

Blog Image

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अशोक लीलैंड कपंनी प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक बस निर्माण प्लांट लगाने जा रही है। यह प्लांट स्कूटर इंडिया की जमीन पर लगेगा। इस प्लांट के लिए 1500 करोड़ रुपये का निवेश होंगे। वहीं कंपनी के प्रदेश में प्लांट लगाने से कंपनी को तो फायदा होगा ही साथ यहां रहने वाले 10 हजार युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। 

प्रयागराज में देखी थी जमीन- 

आपको बता दे कि कई दिनों से कंपनी प्रदेश में अपना प्लांट लगाने के लिए जमीन तलाश कर रही थी। लखनऊ से पहले कंपनी ने प्रयागराज में प्लांट लगाने का विचार बनाया था, लेकिन अब कंपनी ने लखनऊ में प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। दरअसल, लखनऊ में टाटा की मौजूदगी पहले से है। इस वजह से यहां 200 से ज्यादा सहायक इकाइयां केवल आटोमोबाइल सेक्टर की हैं। यहां से 70 किलोमीटर दूर कानपुर में 3000 से ज्यादा इकाइयां आटोमोबाइल सेक्टर की इकाइयां हैं। वाहन क्षेत्र की सहायक इकाइयों की अच्छी खासी मौजूदगी के कारण स्कूटर इंडिया की जगह पर मुहर लगा दी गई।

अब ये बेल्ट देश के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की बेल्ट के रूप में उभरेगी। अशोक लीलैंड यहां ई-मोबिलिटी पर केंद्रित एक एकीकृत वाणिज्यिक वाहन बस संयंत्र स्थापित करेगा जो राज्य में अशोक लीलैंड का पहला संयंत्र होगा। साझेदारी के तहत अशोक लीलैंड मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक बसों के उत्पादन पर फोकस करेगा। प्लांट में वर्तमान में उपलब्ध ईंधन के साथ-साथ उभरते वैकल्पिक ईंधन द्वारा संचालित वाहनों को भी असेंबल करने की तकनीक यहां होगी।

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी-

इसी के साथ बता दे कि अशोक लीलैंड वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। जिसकी स्थापना साल 1948 में हुई थी। यह कंपनी हिंदुजा समूह के स्वामित्व के तहत काम करती है और भारत में इसे दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक वाहन निर्माता का स्थान मिला है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें