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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए निजी एवं सार्वजनिक उपक्रमों को लीज पर जमीन उपलब्ध कराएगी। इसके लिए उपक्रमों को एक रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष और निजी निवेशकों को ₹15000 रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से 30 साल के लिए लीज पर जमीन दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 और उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति 2022 में सौर ऊर्जा की परियोजनाओं की स्थापना के लिए निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इसी के तहत कैबिनेट ने लीज रेंट को मंजूरी दी है। इसमें यह भी व्यवस्था दी गई है कि लीज डीड में स्टांप शुल्क व अन्य देयता का वहन लीज पर भूमि प्राप्त करने वाला निवेशक देगा।
अनुमोदित परियोजना के लिए होगा भूमि का उपयोग -
भूमि की लीज अहस्तांतरणीय होगी। इस पर दी गई भूमि का उपयोग केवल अनुमोदित परियोजना के लिए ही किया जाएगा। निवेशक द्वारा एक माह में अपनी फाइनेंशियल नेटवर्थ अथवा अन्य सुसंगत विवरण यूपी नेडा में जमा करने होंगे। इनकी पड़ताल और उच्चस्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद ही लीज डीड फाइनल की जाएगी। भूमि मिलने के 2 माह के अंदर निवेशक को परियोजना निर्माण शुरू करना होगा। निवेशक को लीज रेंट अग्रिम रूप से यूपीनेडा में जमा करना होगा।
अयोध्या में 40 मेगावाट की लगेगी सोलर परियोजना-
अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 40 मेगावाट की सोलर विद्युत परियोजना उत्पादन इकाई लगाई जाएगी। इसकी स्थापना सदर तहसील के ग्राम रामपुर हलवारा व सरायरासी में होगी। यहां की 165.10 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। कैबिनेट की बैठक में इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। करीब 160 करोड़ की लागत से एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी परियोजना लगाएगी। विद्युत निकासी का व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। इस पर करीब 9 करोड़ खर्च होंगे। परियोजना के लिए भूमि ₹1 प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम 30 वर्ष के पट्टे पर एनटीपीसी को दी जाएगी। परियोजना से उत्पादित ऊर्जा को टेरिफ प्लान के तहत पावर कारपोरेशन को बेचा जाएगा। इस परियोजना से हर वर्ष करीब 70.08 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा। इसे अयोध्या शहर में उपयोग किया जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 2 August, 2023, 3:11 pm
Author Info : Baten UP Ki