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कम आबादी वाले शहरों का होगा अपना मास्टर प्लान

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 50 हजार से 1 लाख की आबादी वाले शहरों का सुनियोजित विकास कराने के लिए मास्टर प्लान तैयार कराने जा रही है। अमृत 2 में छोटे  विनियमित क्षेत्रों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। मास्टर प्लान में तय किए गए भू उपयोग के आधार पर ही भविष्य में नक्शा पास किए जा सकेंगे। इससे अवैध निर्माण पर रोक लग सकेगी। वैसे तो यूपी में 75 जिले हैं लेकिन इनके अधीन 762 निकाय हैं। राज्य सरकार निकायों को शहरी दर्जा देती है और  सरकार शहरों का तेजी से विस्तार कर रही है। इसका मकसद गांव से होने वाले पलायन को रोकना है। सरकार का मानना है कि छोटे स्थानों पर ही सभी सुविधाएं मिलने के बाद लोगों का पलायन रुक जाएगा। ऐसे स्थानों पर शहरी सुविधाएं मिलने के साथ ही अवैध निर्माण का भी दौर शुरू हो रहा है। इसलिए उच्चस्तर पर 50000 से 100000 की आबादी वाले शहरों का मास्टर प्लान तैयार कराकर सुनियोजित विकास का फैसला किया गया है। इससे अवैध कब्जे पर रोक लग सकेगी। 

भवन बनाने के लिए बनेंगे नियम-

मास्टर प्लान बनाने के बाद इन शहरों में विकास प्राधिकरण की तर्ज पर भवन विकास उप नियम बनाने होंगे। इन शहरों से संबंधित पालिका परिषद और नगर पंचायतों को इसे बनाने की जिम्मेदारी होगी। इसमें उन्हें प्रावधान करना होगा कि नक्शा किस मानक के आधार पर पास किया जायेगा। इसमें घनी आबादी, मिश्रित आबादी और शहर के बाहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मानक तय होगा। इसके आधार पर ही नक्शा पास किया जाएगा और उतना ही निर्माण किया जा सकेगा मास्टर प्लान के जरिए सरकार की मंशा छोटे शहरों को व्यवस्थित करने की है। इसके जरिए छोटी जगहों पर भी बड़े शहरों जैसी सुविधाएं लोगों को मुहैया कराई जा सकेंगी जिससे बड़े शहरों की ओर होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा।

यूपी के विनियमित क्षेत्र-

यूपी में 75 जिले हैं, इनमें से कई की आबादी कम है, विनियमित क्षेत्रों में बलरामपुर, श्रावस्ती ,राबर्टसगंज, महोबा ,घोसी महाराजगंज, जगदीशपुर, देवरिया, अमेठी, सुल्तानपुर, टांडा, संभल, अमरोहा, चंदौसी, इटावा, गाजीपुर, सीतापुर, मैनपुरी बिजनौर, शाहजहांपुर, बदायूं, जौनपुर ,एटा, संडीला और हरदोई जैसे शहर आएंगे

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