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प्रदेश के महल और इमारतें होंगी डेस्टिनेशन वेडिंग वेन्यू

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उत्तर प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिय यूपी सरकार पर्यटन नीति-2022 ले कर आई थी. राजस्थान की तर्ज पर अब यूपी भी इस पॉलिसी से प्रदेश के महलों और इमारतों को डेस्टिनेशन वेडिंग वेन्यू के रूप में इस्तेमाल करेगा. वहीं इस पहल से राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा. सरकार की ओर इस टूरिज्म पॉलिसी के तहत वर्ष 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. बताया जा रहा है कि बहुत जल्द कैबिनेट की बैठक में इस मामले पर एक प्रस्ताव आने की उम्मीद है.

कोरोना काल में प्रभावित रहा व्यवसाय- एक आधिकारिक बयान के अनुसार नवंबर 2022 से लेकर 2023 तक राजस्थान में लगभग 40 शादियां हुई. राज्य में अकेले शादी व्यवसाय से लगभग 2500 करोड़ रूपए का कारोबार हुआ है, जो कोविड महामारी के कारण भी प्रभावित रहा. कोरोना काल में वाराणसी में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए भारतीय व विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई. ये पर्यटक डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए यहां ताज या अन्य जगहों पर आते थे. 

यूपी के 100 स्थलों को मिलेगा स्थान- पर्यटक विभाग ने 100 ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों के साथ 100 ऐसे स्थानों की पहचान की है जिन्हें इस योजना के तहत इस्तेमाल किया जा सकता है. इन स्थानों में मिर्जापुर का चुनार का किला, लखनऊ की छतर मंजिल, मथुरा के बरसाना का जल महल, झांसी का बरुआ सागर प्रमुख है. इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस पर मुहर लगने के बाद इन स्थानों को अगले साल से कारोबार में इस्तेमाल किया जाएगा.

इमारतों की वास्तुकला में न हो कोई बदलाव- एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह कार्यक्रम पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किया जाएगा. इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हमारी विरासत किलों और महलों की वास्तुकला में किसी तरह का कोई बदलाव न हो और एक ही परिसर में सभी सुविधाएं प्रदान कराई जाए.
उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग के प्रधान सचिव मुकेश कुमार मेश्राम कहते हैं कि यह विचार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण के बिलकुल अनुरूप है जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहते हैं. 

पर्यटन नीति 2022 के प्रमुख बिंदु -पर्यटन नीति के तहत रामायण सर्किट की ही तर्ज पर कृष्णा सर्किट विकसित किया जा रहा है. जहां रामायण सर्किट में अयोध्या, चित्रकूट, बिठूर और अन्य धार्मिक स्थल शामिल है वहीँ मथुरा सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, नंदगांव आदि धार्मिक स्थलों को शामिल किया जाएगा. नई नीति में महाभारत सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट भी शामिल है. इसमें हस्तिनापुर, कांपिल्य, गोंडा, कौशांबी, बरनावा, एछत्र और लाक्षागृह आदि शामिल हैं. टूरिज्म से जुड़ी कई गतिविधियों को पर्यटन की श्रेणी में शामिल किया जाना है. इसमें बजट होटल, हेरिटेज होटल, स्टार होटल, होमस्टे, ईको टूरिज्म की इकाइयां और कारवां टूरिज्म यूनिट, पिलग्रिम डोरमेट्री, धर्मशालाएं, वेलनेस रिसोर्ट जैसी कुल 22 एक्टिविटी को नीति में शामिल किया गया है.

 

 

 

 

 

 

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