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योगी सरकार का युवा सशक्तिकरण, 10 साल में 10 लाख MSME इकाइयां होंगी स्थापित

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योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी पहल की है। बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' का शुभारंभ किया जा रहा है। इस योजना के तहत अगले दस वर्षों के भीतर लाखों युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। अभियान के सुचारू संचालन के लिए राज्य के हर जिले में 'सीएम युवा फेलो' तैनात किए जाएंगे, जिन्हें 40,000 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा।

आउटसोर्सिंग के जरिए होगी भर्ती: 85 डाटा एंट्री ऑपरेटर भी नियुक्त

इस अभियान को लागू करने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर भर्ती की योजना बनाई है। 85 डाटा एंट्री ऑपरेटर भी नियुक्त किए जाएंगे, जिन्हें 15,000 रुपये प्रति माह का वेतन मिलेगा। इसके अलावा, मिशन निदेशक, चार संयुक्त निदेशक, महाप्रबंधक वित्त, और कई अन्य पदों पर भी भर्ती की जाएगी। यह सभी नियुक्तियां प्रतिनियुक्ति और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएंगी।

राजधानी में बनेगा मिशन कार्यालय, आईएएस अधिकारी होंगे निदेशक

अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राजधानी लखनऊ में एक मिशन कार्यालय स्थापित किया जाएगा। इस कार्यालय का संचालन एक आईएएस अधिकारी करेंगे, जिन्हें निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही चार सहायक लेखाधिकारी, चार डिप्टी मिशन निदेशक और अन्य पदाधिकारी भी इस मिशन का हिस्सा होंगे, जो रोजगार सृजन और उद्यमिता को बढ़ावा देंगे।

राज्य, जिला और मुख्य सचिव स्तर पर बनी निगरानी समितियां

इस योजना की निगरानी के लिए तीन स्तरों पर समितियां गठित की जाएंगी। राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। इसके अलावा, औद्योगिक विकास, एमएसएमई और अन्य दस विभागों के प्रमुख सचिवों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसी तरह, जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कार्यक्रम प्रबंधन यूनिट काम करेगी। इस मिशन के तहत 10 वर्षों में 10 लाख एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

दस साल का लक्ष्य: ब्याज मुक्त कर्ज से बढ़ेगी उद्यमिता

मिशन का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करना है। इसके तहत, योग्य युवाओं को ब्याज मुक्त कर्ज प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने व्यवसाय को शुरू कर सकें। हालांकि, सरकार ने कुछ उद्योगों पर ब्याज मुक्त कर्ज की सुविधा से बाहर रखा है, जिनमें तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, पटाखे और प्लास्टिक कैरीबैग (40 माइक्रॉन से कम) के उत्पादन वाले उद्योग शामिल हैं।

नए उद्योगों की स्थापना पर जोर: आर्थिक प्रगति की ओर एक कदम

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान का उद्देश्य न केवल युवाओं को रोजगार प्रदान करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और उद्यमी बनाने का भी है। इस अभियान के तहत, युवाओं को सरकारी सहायता के साथ-साथ मार्गदर्शन भी मिलेगा, जिससे वे नए उद्योगों की स्थापना कर सकें। इस पहल से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी और औद्योगिक विकास को मजबूती मिलेगी।

युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

योगी सरकार की इस योजना से प्रदेश के युवाओं को बड़े अवसर प्राप्त होंगे। सरकार की यह पहल न केवल रोजगार सृजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगी, बल्कि इससे उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा। युवाओं को सही मार्गदर्शन और सहायता मिलने से राज्य में आर्थिक विकास की गति तेज होगी, और यूपी एक आत्मनिर्भर राज्य बनने की दिशा में मजबूत कदम उठाएगा।

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