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AI से चकबंदी कराने की तैयारी कर रही योगी सरकार, एक साल में 10 साल का पूरा हुआ काम

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चकबंदी कार्यों में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए दावा किया है कि पिछले एक वर्ष में चकबंदी के क्षेत्र में 10 साल का काम पूरा किया गया है। सितंबर 2023 में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी विभाग को किसानों के खेतों की सीमाओं से जुड़े विवादों का समाधान करने, गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने, सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के निर्देश दिए थे।

82 गांवों में पूरा हो चुका है चकबंदी का काम-

सीएम योगी की लगातार निगरानी और सक्रियता का परिणाम है कि बीते एक साल में प्रदेश के 40 जिलों के 82 गांवों में चकबंदी का कार्य पूरा हो चुका है। वर्ष 2023-24 के दौरान 74 जिलों के 781 गांवों में चकबंदी कराई गई। इसके अलावा, सितंबर 2023 से अब तक कुल 705 ग्राम अदालतों का आयोजन किया गया, जिनमें 25,523 वादों का निस्तारण किया गया है।

तीन सालों में 1475 गांवों में पूरी हुई चकबंदी प्रक्रिया-

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के खेतों से जुड़े विवादों का निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण समाधान करने के उद्देश्य से चकबंदी प्रक्रिया को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए थे। वित्तीय वर्ष 2023-24 में आठ महीनों के भीतर 40 जिलों के 82 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पिछले तीन वर्षों में, चकबंदी की प्रक्रिया को 1475 गांवों में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि कई गांवों में चकबंदी प्रक्रियाएं दशकों से लंबित थीं। आजमगढ़ के महुवा और गोमाडीह गांवों में क्रमशः 63 और 56 वर्षों से अटकी चकबंदी को पूरा किया गया। इसी तरह गाजीपुर और बरेजी गांवों में क्रमशः 59 और 55 वर्षों से लंबित चकबंदी प्रक्रियाओं का निस्तारण किया गया।

कन्नौज के गांवों में दोबारा बने चकबंदी अभिलेख-

कन्नौज में 1990 के अग्निकांड के कारण 35 गांवों के चकबंदी अभिलेख जलकर नष्ट हो गए थे, जिससे चकबंदी प्रक्रिया बाधित हो गई थी। इसके समाधान के लिए चकबंदी आयुक्त ने एक समिति का गठन किया और 8 गांवों के अभिलेखों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फिर से तैयार किया गया। इनमें नंदलालपुर और करनौली गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

आधुनिक तकनीकों से होगी चकबंदी-

योगी सरकार अब चकबंदी प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन, ड्रोन और रोवर जैसी तकनीकों का उपयोग करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए IIT रुड़की के साथ पायलट प्रोजेक्ट के तहत परीक्षण जारी है। साथ ही GIS बेस्ड सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप के माध्यम से भी चकबंदी की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने की योजना है।

ग्राम अदालतों के जरिए विवादों का त्वरित निस्तारण-

सीएम योगी ने पुराने लंबित वादों को हल करने के लिए ग्राम अदालतों के आयोजन पर जोर दिया। सितंबर 2023 से अब तक 705 ग्राम अदालतें आयोजित की गई हैं, जिनमें 25,523 वादों का निस्तारण किया गया है। इन अदालतों के जरिए किसान अपने विवादों को तेजी से हल कर सकते हैं, जिससे गांवों में शांति और समृद्धि का माहौल बनेगा।

सरकारी योजनाओं का गांवों तक पहुंच रहा लाभ-

योगी सरकार की इन नीतियों और कार्यक्रमों से न केवल किसानों के विवाद सुलझ रहे हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी तेजी से गांवों तक पहुंच रहा है। चकबंदी के इस अभियान से राज्य के ग्रामीण इलाकों में विकास की नई राहें खुल रही हैं।

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