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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ के लोकभवन में 647 नवचयनित वन रक्षकों व वन्यजीव रक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए प्रदेश में नौकरियों के नए आयामों की बात की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि अब युवाओं को नौकरियों के लिए सिफारिश की जरूरत नहीं होती, क्योंकि पूरी भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया गया है। यह प्रयास युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी से उनके करियर पर बुरा असर न पड़े।
6 महीने में मिल रही नौकरी-
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं से लेकर नियुक्ति पत्र मिलने की प्रक्रिया में एक साल का समय लगता था, पर अब यह समय घटकर मात्र छह महीने हो गया है। उन्होंने कहा, "हमने प्रक्रिया को इतना सरल और पारदर्शी बना दिया है कि युवाओं को नौकरियों के लिए अब सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ती।"
AI से परीक्षा पर निगरानी-
प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भी मदद ली है। उन्होंने बताया कि अब परीक्षा केंद्रों में बैठने वाले अभ्यर्थियों की निगरानी लखनऊ में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जाती है। इससे परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश खत्म हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम लखनऊ में बैठकर पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग कर सकते हैं, जिससे परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहती है।"
अनुचित साधनों पर सख्त कानून-
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार ने नकल माफिया और पेपर लीक जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाए हैं। इन कानूनों के तहत पेपर लीक करने वालों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा, "अगर हम थोड़ी भी सावधानी बरतें तो कोई भी हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर पाएगा।" सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर परीक्षा की प्रक्रिया निष्पक्ष हो और कोई भी गड़बड़ी करने का प्रयास न कर सके।
पुलिस भर्ती में 60 हजार पदों पर नियुक्ति-
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में 60,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी की गई है। यह प्रक्रिया भी पूरी तरह से पारदर्शी थी और इसमें किसी भी प्रकार की धांधली की कोई गुंजाइश नहीं थी। भर्ती के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की गई, जिससे पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रही।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार ने नौकरियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी है, जिससे युवाओं को उनके भविष्य के प्रति आश्वस्त किया जा सके।
Baten UP Ki Desk
Published : 10 September, 2024, 12:46 pm
Author Info : Baten UP Ki