बड़ी खबरें

पहलगाम हमले के बाद भारत ने लिए पांच कड़े फैसले, सिंधु जल संधि स्थगित, पाक नागरिकों के वीजा रद्द, अटारी बॉर्डर बंद, उच्चायोग सलाहकार निष्कासित एक दिन पहले कश्मीर हमले पर वैश्विक समर्थन, पुतिन और ट्रम्प ने कहा- दोषियों को मिले सख्त सजा, इजराइल, रूस, अमेरिका समेत कई देशों ने जताई संवेदनाएं एक दिन पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी का कानपुर दौरा रद्द, सभी मंत्रियों के कार्यक्रम निरस्त, प्रदेश में हाई अलर्ट और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई एक दिन पहले यूपी में भीषण गर्मी का कहर जारी, 37 जिलों में लू का अलर्ट, तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने की संभावना, मौसम विभाग ने दी चेतावनी एक दिन पहले आतंकी हमले को लेकर सर्वदलीय बैठक शाम छह बजे, कांग्रेस की मांग- पीएम मोदी करें अध्यक्षता एक दिन पहले भारत की कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान, कहा-पानी रोका तो यह कदम युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी एक दिन पहले MEA की चेतावनी: वीजा अवधि खत्म होने से पहले भारत छोड़ें पाकिस्तानी, 29 अप्रैल से मेडिकल वीजा भी मान्य नहीं एक दिन पहले राष्ट्रपति से मिले अमित शाह और जयशंकर, विदेश मंत्रालय में हुई कई देशों के राजदूतों की बैठक एक दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिले अमित शाह और जयशंकर, पहलगाम आतंकी हमले पर दिया अपडेट एक दिन पहले

एससी-एसटी परिवारों के लिए योगी सरकार ने बांटे 14 सौ करोड़ रुपये, सरकार ने किया दावा

Blog Image

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के पीड़ित परिवारों के लिए बड़ा दावा किया है। सरकार का कहना है कि पिछले साढ़े सात वर्षों में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़ित परिवारों को 1447 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। यह सहायता हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसी गंभीर अपराधों से प्रभावित परिवारों को प्रदान की गई है। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पीड़ित परिवारों को समय पर न्याय मिले और वे वित्तीय असुरक्षा के बीच न रहें।

वित्तीय सहायता की श्रेणियां: 85 हजार से 8.25 लाख तक-

केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार, पीड़ित परिवारों को मिलने वाली वित्तीय सहायता की राशि अपराध की गंभीरता के आधार पर 85,000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक होती है। यह सहायता अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989) और नागरिक अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम के तहत दी जाती है। सहायता राशि का वितरण पीड़ितों की स्थिति और न्यायिक प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया जाता है, ताकि उन्हें समय पर राहत मिल सके।

समय पर वित्तीय सहायता के लिए सरकार का विशेष प्रयास-

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत के अनुसार, राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है कि पीड़ित परिवारों को समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि पीड़ित परिवारों को न्यायिक प्रक्रिया के दौरान मदद मिले और वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें। इसके लिए हर जिले में जिला स्तर पर सतर्कता व मॉनीटरिंग समितियां काम करती हैं।

जिला और तहसील स्तर पर निगरानी समितियों का गठन-

राज्य सरकार ने पीड़ितों को न्याय दिलाने और सही समय पर सहायता पहुंचाने के लिए मजबूत तंत्र विकसित किया है। जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति कार्यरत होती है, जबकि तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में उपखंड स्तरीय समितियां बनाईं गई हैं। ये समितियां यह सुनिश्चित करती हैं कि कोई भी पीड़ित सहायता से वंचित न रह जाए।

हत्या और बलात्कार पीड़ितों के लिए विशेष सहायता योजना-

हत्या या गंभीर अत्याचार के मामले में, पीड़ित के परिजनों को 8.25 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। यह राशि दो चरणों में दी जाती है-50 प्रतिशत पोस्टमार्टम के तुरंत बाद और बाकी 50 प्रतिशत अदालत में चार्जशीट दाखिल होने के बाद। इसी तरह, बलात्कार पीड़िताओं को 5.25 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है। सामूहिक बलात्कार की पीड़िताओं के लिए यह राशि 8.25 लाख रुपये तक निर्धारित की गई है।

चरणबद्ध वितरण प्रणाली-

अपराध के विभिन्न चरणों पर सहायता राशि का वितरण किया जाता है। उदाहरण के लिए, बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के मामलों में, 50 प्रतिशत राशि मेडिकल जांच के बाद दी जाती है, 25 प्रतिशत चार्जशीट दाखिल होने पर, और शेष 25 प्रतिशत मुकदमा समाप्त होने पर प्रदान की जाती है।

पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता -

योगी सरकार का यह कदम राज्य में एससी-एसटी अत्याचारों से पीड़ित परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। वित्तीय सहायता न केवल पीड़ितों के लिए एक आर्थिक सहारा है, बल्कि न्याय प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी मददगार साबित होती है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें