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MLA पूजा पाल को वाई प्लस सिक्योरिटी में कितने सिक्योरिटी गार्ड मिलेंगे?

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हाल ही में उतरप्रदेश के प्रयागराज में बहुचर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की हत्या के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। पूरा मामला इलाहबाद वेस्ट से तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड से जुड़ा बताया जा रहा है। 25 जनवरी 2005 को विधायक राजू पाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में राजू पाल की पत्नी पूजा ने  माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और 7 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस हत्याकांड में सीबीआई जांच के बाद स्पेशल कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। इसी बीच 24 फरवरी 2023 को इस हत्याकांड में पुलिस के तरफ से सरकारी गवाह बनाये गए उमेश पाल और उनके गार्ड को अपराधियों ने फ़िल्मी स्टाइल में गोलियां बरसाकर मौत की नींद सुला दी। अब इस पूरे हत्याकांड की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यूपी एसटीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। वहीं उमेश पाल के परिजनों ने माफिया अतीक अहमद और उनकी पत्नी और बेटे सहित अन्य कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

किन धाराओं में दर्ज की गयी शिकायत?

पुलिस ने शिकायत के आधार पर, धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 149, 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।  पुलिस सूत्रों के मुताबिक माफिया अतीक के दो बेटे सहित 40 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। यूपी एसटीएफ की टीम अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस ने इस हत्याकांड में संलिप्त एक अपराधी का एनकाउंटर भी कर दिया है लेकिन इस दौरान  हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई है। इसी मामले में चायल से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने बताया की अतीक अहमद कुख़्यात माफिया है और उससे मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है।

क्या होती है X, Y, Y प्लस,Z, और Z प्लस सुरक्षा ?
भारत में सुरक्षा को कई श्रेणियों में बांटा गया है ,जो है X, Y, Y प्लस,Z, Z प्लस और एसपीजी सुरक्षा। एसपीजी सुरक्षा का स्तर सबसे ऊंचा  है। ये देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है। इसकी शुरुआत इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में की गई थी। यह सुरक्षा अभी केवल प्रधानमंत्री को दी जा रही है। इसके बाद सबसे बड़ी सुरक्षा Z प्लस सुरक्षा होती है।  जेड प्लस कैटेगरी में 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं,  इसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं, जबकि जेड कैटेगरी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व राज्य पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं। इस श्रेणी में देश के प्रसिद्ध बिजनेसमैन मुकेश अंबानी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा सहित अन्य वीआईपी शामिल हैं। वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते है। इस सुरक्षा को केंद्रीय गृह मंत्रालय आईबी रिपोर्ट के आधार पर देता है. जबकि वाई श्रेणी की सुरक्षा में  कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो (निजी सुरक्षागार्ड)  होते हैं और इस श्रेणी में कोई कमांडो तैनात नहीं  होता है।वहीं एक्स श्रेणी की सुरक्षा की बात करे तो  इस श्रेणी में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) शामिल होता है। यह सुरक्षा राज्य सरकार की  तरफ से दी जाती है.

सरकार की  तरफ से सुरक्षा देने का क्या प्रावधान है?
आईबी रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के वीवीआईपी और अन्य क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षा दी जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के बयान के मुताबिक देश में 230 लोगों को सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की ओर से 'जेड प्लस', 'जेड' और 'वाई' श्रेणियों के तहत सुरक्षा प्रदान की जा रही है। जिसमें 40 लोगों को जेड प्लस ,190 लोगों को 'जेड' और 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। 

 

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