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क्या इस टेस्ट से पता चलेगी बलात्कारी की सच्चाई? अयोध्या दुष्कर्म पीड़िता का लिया भ्रूण का सैंपल

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू खान पर एक आरोप लगा है। उनपर आरोप है कि 12 साल की एक नाबालिग बच्ची, जो गरीबी के चलते अपने परिवार का सहारा बनने के लिए मोईद खान की बेकरी में काम करने जाती थी, उसके साथ इन लोगों ने रेप किया। खबरों के मुताबिक इस मासूम बच्ची को मोईद खान और राजू खान ने नशीला पदार्थ खिलाकर बलात्कार किया। इस अपराध को रिकॉर्ड करके, मासूम को वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करना शुरू किया और उसका शारीरिक शोषण लगातार जारी रखा। बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर जब उसके परिवार वाले उसे डॉक्टर के पास ले गए, जिसके बाद पता चला कि वह बच्ची गर्भवती है। 

डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से मिलेगी मजबूती-

लखनऊ के केजीएमयू के क़्वीन मेरी वार्ड में रविवार को बच्ची को भर्ती किया गया और अबॉर्शन के लिए परिवार की सहमति और डॉक्टरों की सलाह पर उसका गर्भपात करवाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता की स्थिति स्थिर है। डीएनए टेस्ट के लिए भ्रूण का सैंपल लिया गया है ताकि आरोपी की पहचान पुख्ता हो सके। पुलिस ने मोईद खान और राजू खान को 30 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया और उन पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से केस को और भी मजबूत करने की तैयारी में है। 

डीएनए टेस्ट में क्या किया जाता है?

बता दें कि भारत में डीएनए टेस्टिंग का जनक साइंटिंस्ट लालजी सिंह को माना जाता है। जौनपुर में पैदा हुए इस साइंटिस्ट में भारत में डीएनए के क्षेत्र में काफी काम किया। अब उनका निधन हो चुका है। उन्हें फादर ऑफ इंडियन डीएनए फिंगरप्रिंटिंग कहा जाता है। 1991 में सिंह ने भारतीय अदालत में पैटरनिटी विवाद को सुलझाने के लिए पहली बार डीएनए फिंगरप्रिंटिग की रिपोर्ट पेश की। इसके बाद तो भारत में ना जाने कितने ही सिविल और क्रिमिनल मामले डीएनए टेस्ट के आधार पर सुलझाए गए।

क्या होता है डीएनए? 

डीएनए का मतलब होता है डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड ये ऐसा टेस्‍ट हमारे जींस या पूर्वजों या हमारे वंश के बारे में एकदम सटीक जानकारी देता है। हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्‍स यानि कोशिकाएं होती हैं। रेड ब्‍लड सेल्‍स को छोड़कर बाकी सभी सेल्‍स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है जो शरीर को बनाती है और इसे ही डीएनए कहते हैं। डीएनए सीढ़‍ी की तरह आपस में घूमे हुए होते हैं। हर बच्‍चे का DNA उसके माता-पिता से ही बनता है लेकिन बच्‍चे और उसके माता पिता का DNA एक जैसा नहीं होता बल्कि कुछ हिस्‍सा मिलता हुआ हो सकता है। हर व्‍यक्ति का DNA एकदम अलग और यूनिक होता है। लेकिन हर डीएनए टेस्ट से ये जाहिर हो जाता है कि आपका रिश्ता एक दूसरे से जुड़ा हुआ है या नहीं।

कैसे होता है डीएनए टेस्ट?

अक्सर कई बार पिता की पहचान को लेकर डीएनए टेस्ट की मदद ली जाती है। इसमें संभावित पिता और बच्चे के डीएनए नमूने लिये जाते हैं क्योंकि एक बच्चे का पिता अपने बच्चे के डीएनए का योगदान देता है, परीक्षण दोनों के बीच जीन में मिलान की तलाश करता है। कुछ परीक्षण मां के डीएनए का भी परीक्षण कर सकते हैं। इससे भाई बहनों का भी पता चल जाता है। 

डीएनए टेस्ट के लिए क्या लेते हैं सैंपल?

आमतौर पर डीएनए टेस्ट की जांच खून, थूक, लार, दांत, बाल, हड्डियों, नाखून, भ्रूण और पेशाब से कर सकते हैं। नमूने लेने के बाद साइंटिफिक तरीकों से डीएनए कोशिकाओं को अलग किया जाता है। फिर इसकी तुलना की जाती है। ये काम फोरेंसिक एक्सपर्ट करते हैं। दांत और हड्डी से बहुत समय लग जाता है। आमतौर पर मृतकों के मामले में जमे हुए खून, दांत, बाल, हड्डियों या नाखून से जांच को प्राथमिकता दी जाती है। जीवित लोगों में डॉक्‍टर्स/एक्‍सपर्ट्स मुंह में स्‍वाब डालकर सलाइवा लेते हैं और इसे एक डिब्‍बी में रख देते हैं। दूसरे तरीके में ब्‍लड सैंपल लिया जाता है। लैब में उसका एनालिसिस होता है। वैसे अजन्मे बच्चे का भी डीएनए टेस्ट भ्रूण सैम्पल लेकर किया जाता है जैसा की मौजूदा केस में किया जा रहा है।

DNA  टेस्ट से अपराधी की पहचान की बढ़ जाती है संभावना

DNA  टेस्ट से अपराधी की पहचान की संभावना बढ़ जाती है और अपराधियों को सजा देने में आसानी होती है। डीएनए साक्ष्य अपराधी के खिलाफ एक मजबूत केस बनाने में मदद करते हैं और भविष्य में सिलसिलेवार अपराधियों को पकड़ने में मददगर साबित होते हैं। फ़िलहाल यह घटना न केवल समाज को हिला देने वाली है बल्कि न्याय की आवश्यकता को भी स्पष्ट करती है। फ़िलहाल सरकार और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और इस तरह के घृणित अपराधों पर अंकुश लगेगा।

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