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दूसरे अनुपूरक बजट की योगी सरकार को क्यों पड़ी जरूरत? जानिए ये क्या है और क्यों होता है जरूरी...

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 17 दिसंबर को विधानसभा में अपना दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट का मुख्य उद्देश्य 2025 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के लिए फंड आवंटित करना था। इसके साथ ही प्रदेश के शहरी विकास, बुनियादी ढांचे और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं जैसे जेवर एयरपोर्ट को गति देने के लिए भी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। लेकिन यह अनुपूरक बजट क्यों आवश्यक हुआ और इसमें किन योजनाओं को प्राथमिकता दी गई, आइए विस्तार से समझते हैं।

अनुपूरक बजट: क्या है और क्यों जरूरी होता है?

अगर किसी घर के सालभर के खर्च को बजट माना जाए, तो अनुपूरक बजट उस अतिरिक्त रकम की तरह है, जो किसी अप्रत्याशित जरूरत को पूरा करने के लिए मांगी जाती है। वित्तीय दृष्टिकोण से, यह सरकार का वह दस्तावेज है, जिसे पहले से स्वीकृत बजट में संशोधन या अतिरिक्त खर्च के लिए पेश किया जाता है।

फरवरी में आया था 7.36 लाख करोड़ रुपये का मूल बजट-

योगी सरकार ने फरवरी 2024 में 7.36 लाख करोड़ रुपये का मूल बजट पेश किया था। लेकिन समय के साथ नई चुनौतियां और प्राथमिकताएं सामने आईं। जुलाई 2024 में पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया, जिसमें 12,209.92 करोड़ रुपये का प्रावधान था। दिसंबर में पेश किया गया दूसरा अनुपूरक बजट 17,865 करोड़ रुपये का है। इसका बड़ा हिस्सा महाकुंभ 2025 और प्रदेश की महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा।

महाकुंभ 2025: आयोजन की तैयारी में सबसे आगे

महाकुंभ 2025 भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। प्रयागराज में होने वाले इस आयोजन के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाना यूपी सरकार की प्राथमिकता है। इस बजट में पानी, बिजली, सफाई और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए फंड आवंटित किया गया है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा से बचाना है।

महाकुंभ के आयोजन के लिए:

  • सीवेज प्रबंधन

  • नई सड़कों का निर्माण और पुरानी सड़कों की मरम्मत

  • गंगा और यमुना के जलस्तर और स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष प्रावधान

  • यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास

इन सभी कार्यों को प्राथमिकता दी गई है।

शहरी विकास और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान

अनुपूरक बजट में शहरी विकास के लिए भी बड़े पैमाने पर धनराशि आवंटित की गई है। नगर विकास विभाग की योजनाओं को तेजी से लागू करने और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को गति देने के लिए यह बजट आवश्यक था।

शहरी विकास के तहत:

  • सड़कों और पुलों की मरम्मत और निर्माण

  • यातायात व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए विशेष योजनाएं

  • स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का विस्तार

  • स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए नई तकनीकों का उपयोग

जेवर एयरपोर्ट: क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास

उत्तर भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा जेवर एयरपोर्ट प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इस बजट में जेवर एयरपोर्ट के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया गया है। यह परियोजना:

  • क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।

  • औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करेगी।

  • रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।

अनुपूरक बजट की आवश्यकता क्यों पड़ी?

महाकुंभ और शहरी विकास परियोजनाओं जैसी नई प्राथमिकताओं के कारण राज्य सरकार को अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता महसूस हुई। यही वजह है कि सरकार ने दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। 2025 का महाकुंभ और यूपी की अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाएं न केवल राज्य के विकास में योगदान देंगी, बल्कि पर्यटन, उद्योग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगी।

योगी सरकार ने महाकुंभ 2025-

दूसरे अनुपूरक बजट के माध्यम से योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों और प्रदेश के शहरी विकास को प्राथमिकता देते हुए अपने विज़न को स्पष्ट किया है। यह बजट प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी मजबूत करेगा।

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