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उत्तर प्रदेश में जल्द शुरू होगी वॉटर मेट्रो, लखनऊ और अन्य शहरों में नदियों के रास्ते कर सकेंगे सफर

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उत्तर प्रदेश में जल्द ही पानी के रास्ते मेट्रो से सफर करना संभव होगा। कोच्चि जल मेट्रो बोर्ड, जो पहले ही कोच्चि में जल मेट्रो की शुरुआत कर चुका है, अब उत्तर प्रदेश की नदियों में भी जल मेट्रो चलाने की योजना बना रहा है। इस परियोजना से लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न शहरों के लोग नदियों में शहरी मेट्रो के जरिए यात्रा कर सकेंगे।

जल मेट्रो का लाभ: लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों में शुरुआत

उत्तर प्रदेश सरकार की योजना है कि पहले लखनऊ की गोमती नदी में जल मेट्रो (वॉटर मेट्रो) का संचालन किया जाए। कोच्चि जल बोर्ड की टीम इसी महीने लखनऊ और अन्य शहरों में जलस्तर का सर्वे करने के लिए आ रही है। लखनऊ के बाद अन्य प्रमुख शहरों जैसे आगरा (यमुना नदी), बनारस (गंगा नदी), मथुरा (यमुना नदी), अयोध्या (सरयू नदी), और प्रयागराज (संगम) में भी जल मेट्रो का संचालन किया जाएगा।

जल परिवहन प्राधिकरण: नई शुरुआत और कार्यप्रणाली

जल परिवहन को सुगम बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जल परिवहन प्राधिकरण का गठन किया है। यह प्राधिकरण न केवल जल मेट्रो की व्यवस्था करेगा, बल्कि नदियों में जल पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देगा। जल परिवहन के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी की जा रही है, जिसमें नदियों में जल की गहराई बढ़ाने के साथ-साथ पंजीकरण कार्यालय भी खोले जाएंगे।

जलस्तर की चुनौतियां: पानी की कमी का सामना

उत्तर प्रदेश की नदियों में पानी की कमी और सिल्ट की अधिकता जल मेट्रो के संचालन में बड़ी चुनौती बन सकती है। नदियों में नेविगेबल लेंथ की कमी और कम गहराई की वजह से कार्गो शिपमेंट और मेट्रो सेवाओं का संचालन मुश्किल हो सकता है। इस समस्या का समाधान जल परिवहन प्राधिकरण द्वारा जल स्तर बढ़ाने और नदी की गहराई सुधारने के लिए किया जाएगा।

देशभर में जल परिवहन की स्थिति: एक संक्षिप्त विश्लेषण

जल परिवहन की संभावनाएं भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं। आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में नदियों की लंबाई अधिक है और वहां जल परिवहन का अच्छा नेटवर्क विकसित हो चुका है। उत्तर प्रदेश में हालांकि यह कार्य चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन जल मेट्रो की योजना से इसमें सुधार की उम्मीद है।

  • आंध्र प्रदेश: 3761.73 किलोमीटर नदियां, 1160 किलोमीटर नेविगेबल लेंथ
  • असम: 7988 किलोमीटर नदियां, 2024 किलोमीटर नेविगेबल लेंथ
  • पश्चिम बंगाल: 4741 किलोमीटर नदियां, 4593 किलोमीटर नेविगेबल लेंथ
  • नागालैंड: 276 किलोमीटर नदियां, 100% नेविगेबल लेंथ
  • झारखंड: 95 किलोमीटर नदियां, 100% नेविगेबल लेंथ
  • बिहार: 1011 किलोमीटर नदियां, 100% नेविगेबल लेंथ

जल मेट्रो के जरिए उत्तर प्रदेश की नदियों को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि राज्य के शहरी परिवहन में भी सुधार होगा। अगर यह योजना सफल होती है तो उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों के मुकाबले जल परिवहन के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान हासिल कर सकता है।

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