स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (WEF) सम्मेलन में उत्तर प्रदेश ने अपनी आर्थिक और औद्योगिक संभावनाओं का शानदार प्रदर्शन करते हुए वैश्विक मंच पर अपनी ताकत का एहसास कराया। 19 से 23 जनवरी तक चले इस प्रतिष्ठित आयोजन में यूपी को 19,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले, जो प्रदेश की प्रगति की नई कहानी लिखने का संकेत हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर ऊंचा किया, बल्कि इसे भारत की आर्थिक शक्ति के केंद्र में स्थापित कर दिया।
कोका-कोला से बिसलेरी तक: बड़े ब्रांड्स की निवेश प्रतिबद्धता
- कोका-कोला: मून बेवरेज और एसएलएमजी बेवरेज के माध्यम से यूपी में दो बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये का निवेश।
- बिसलेरी इंटरनेशनल: अयोध्या या बाराबंकी में बॉटलिंग प्लांट के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश।
- एनहेसर-बुश इनबेव (एबी इनबेव): नए डिस्टिलरी प्लांट में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश।
- हेनेकेन: 1,500 करोड़ रुपये की डिस्टिलरी स्थापित करने की योजना।
प्रौद्योगिकी और डेटा सेंटर में बड़ा निवेश
- लाफ्टसलेन: नोएडा में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश से हाइपरस्केल डेटा सेंटर स्थापित करेगा।
- सिफी टेक्नोलॉजी: लखनऊ के चक गजरिया में 1,000 करोड़ रुपये की लागत से एआई हब की स्थापना। साथ ही, नोएडा में 75 मेगावाट का डेटा सेंटर 7,000 करोड़ रुपये के निवेश से जल्द चालू होगा।
ऊर्जा और विमानन क्षेत्र में व्यापक निवेश
- एएम ग्रीन्स: शाहजहांपुर में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश से विमानन ईंधन विनिर्माण संयंत्र की स्थापना।
- लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज: 1,200 करोड़ रुपये की लागत से 300 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र और छतों पर पवन ऊर्जा टर्बाइन का निर्माण।
यूपी: ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर
दावोस में यूपी ने अपने 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को वैश्विक निवेशकों के समक्ष प्रस्तुत किया। कृषि, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रयास किए गए।
केंद्रीय मंत्री ने की यूपी की सराहना
केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यूपी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य ने इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल कनेक्टिविटी पर जोर देकर निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट वातावरण बनाया है।
यूपी के इस प्रयास के प्रभाव
उत्तर प्रदेश में इन निवेश प्रस्तावों से रोजगार के व्यापक अवसर बनेंगे। साथ ही, ये परियोजनाएं प्रदेश को नई औद्योगिक और आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। दावोस में हुई इस सफलता ने प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई है।