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यूपी के 57 जिलों में नई शिक्षा प्रणाली का आगाज़, इस मॉडल पर हो रहा है निर्माण

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योगी सरकार उत्तर प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए लगातार नए प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने प्रदेश के 57 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में प्री-प्राइमरी (बाल वाटिका) से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होगी। 18 मंडल मुख्यालय वाले जनपदों को छोड़कर बाकी जिलों में इन विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा। योजना के अनुसार प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक विद्यालय का निर्माण होगा, जहां एक साथ 3000 विद्यार्थी अध्ययन कर सकेंगे।

विशेष सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक विद्यालय-

मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय में प्री प्राइमरी से 12वीं तक की शिक्षा दी जाएगी। इन विद्यालयों में छात्रों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मानकों के अनुरूप होगा। विद्यालयों में यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित विज्ञान, गणित, वाणिज्य, और कला वर्ग की पढ़ाई कराई जाएगी। शिक्षकों की तैनाती के लिए भी उच्च गुणवत्ता का ध्यान रखा जाएगा। प्री प्राइमरी, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए अलग-अलग शैक्षणिक ब्लॉक बनाए जाएंगे। इन विद्यालयों में अत्याधुनिक गणित और विज्ञान प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, स्किल लैब, खेल का मैदान, और केंद्रीकृत किचन की सुविधाएं होंगी।

भविष्य की सोच के साथ भवन निर्माण-

इन विद्यालयों के भवन भूकंपरोधी तकनीक से बनाए जाएंगे, जो हरित ऊर्जा और ऊर्जा कुशल वास्तुकला के मानकों पर आधारित होंगे। प्रत्येक कक्षा के लिए स्मार्ट क्लास की सुविधा होगी। कक्षा 1 से 8 के लिए कम्पोजिट विज्ञान और गणित प्रयोगशाला, जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए रसायन और भौतिकी की मॉड्यूलर प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

कम्प्यूटर लैब और लैंग्वेज लैब जैसी होंगी सुविधाएं-

विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब, लैंग्वेज लैब, अलग-अलग पुस्तकालय, खेल का मैदान, ओपन जिम, और मल्टीपल एक्टिविटी हॉल जैसी सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन इकाई, आरओ और यूवी वाटर प्लांट की भी व्यवस्था की जाएगी। मिड-डे मील के लिए केंद्रीकृत किचन और डायनिंग हॉल के साथ-साथ वॉशिंग एरिया और मल्टीपल हैंडवॉशिंग यूनिट्स का भी निर्माण होगा।

शिक्षकों के लिए भी विशेष प्रावधान-

शिक्षकों और शिक्षिकाओं के लिए अलग-अलग स्टाफ रूम होंगे, ताकि वे आराम से काम कर सकें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर सकें। यह योजना अगले तीन वर्षों में पूरी की जाएगी और उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। योगी सरकार का यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जो आने वाले समय में प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

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