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यूपी के ये पांच शहर बनेंगे आईटी हब, योगी सरकार की विकास योजनाओं में जुड़ेगा नया अध्याय

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योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक नए रूप में प्रस्तुत करने की योजना बनाई है, जिसमें प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों-गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, और प्रयागराज को आईटी सिटी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम राज्य को एक ग्लोबल आईटी हब के रूप में स्थापित करने के लिए उठाया जा रहा है, जिसमें आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) से संबंधित नई तकनीकों का विकास और प्रोत्साहन शामिल है।

गौतमबुद्ध नगर: आईटी और आईटीईएस का हब

गौतमबुद्ध नगर को आईटी और आईटीईएस का हब बनाने का निर्णय लिया गया है। यह शहर पहले से ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों के माध्यम से एक उभरते हुए आईटी केंद्र के रूप में पहचान बना चुका है। यहाँ पर पहले से ही कई प्रमुख आईटी कंपनियां और स्टार्टअप्स हैं जो देश और विदेश के लिए सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इस क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार भूमि बैंक बनाने की योजना बना रही है, जिससे नई आईटी इकाइयों के लिए जगह उपलब्ध हो सकेगी।

लखनऊ: एआई और मशीन लर्निंग का केंद्र

लखनऊ, प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) के हब के रूप में उभरने जा रहा है। एआई और एमएल जैसी उभरती हुई तकनीकों के विकास के लिए लखनऊ को चुना गया है, जो आने वाले वर्षों में तकनीकी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सरकार लखनऊ में एक केंद्रित एआई और एमएल अनुसंधान संस्थान स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां विशेषज्ञ और शोधकर्ता नई तकनीकों का विकास करेंगे और उन्हें व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार करेंगे।

कानपुर: ड्रोन और रोबोटिक्स का हब

कानपुर, जो पहले से ही एक प्रमुख औद्योगिक शहर है, अब ड्रोन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र बनने जा रहा है। कानपुर का आईआईटी पहले से ही ड्रोन और रोबोटिक्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान कर रहा है, और इस पहल के माध्यम से सरकार इस शहर को इन तकनीकों के विकास और उत्पादन का केंद्र बनाने का लक्ष्य रख रही है। ड्रोन और रोबोटिक्स के विकास के लिए कानपुर में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और पार्कों का निर्माण किया जाएगा, जहां उद्योग और स्टार्टअप्स को एक अनुकूल वातावरण मिलेगा।

वाराणसी और प्रयागराज: (ईआर एंड डी) के केंद्र

वाराणसी और प्रयागराज को इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट (ईआर एंड डी) के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। ये दोनों शहर अपनी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध हैं, और अब तकनीकी अनुसंधान और विकास के नए केंद्र बनने जा रहे हैं। यहां पर स्थापित होने वाले अनुसंधान केंद्रों में इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य किए जाएंगे, जो नई तकनीकों और समाधानों के विकास में योगदान देंगे। सरकार यहां पर उच्चस्तरीय अनुसंधान संस्थान स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां से देशभर के युवा वैज्ञानिक और इंजीनियर अपने करियर की शुरुआत कर सकेंगे।

आईटी हब के विकास के लिए सरकार की योजनाएँ

योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें सबसे प्रमुख है, राज्य स्तरीय आईटी और आईटीईएस सलाहकार समिति का गठन। यह समिति राज्य में आईटी क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक नीतियों और योजनाओं का निर्माण करेगी। इसके साथ ही, सरकार आईटी क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने पर विचार कर रही है, जिससे आईटी इकाइयों को औद्योगिक टैरिफ पर बिजली और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।

उभरती हुई तकनीकों से आकर्षण-

सरकार की योजना है कि एआई, ड्रोन, और अन्य उभरती हुई तकनीकों के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को प्रदेश में आकर्षित किया जाए। इसमें गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल (जीसीसी) के निवेशकों को भी शामिल किया जा रहा है। यह निवेश प्रदेश में तकनीकी विकास को गति देगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

तकनीकी सम्मेलनों और ब्रांडिंग के जरिए आईटी हब की पहचान

प्रदेश के इन शहरों को आईटी हब के रूप में स्थापित करने के लिए, सरकार तकनीकी सम्मेलनों और कार्यशालाओं का आयोजन करेगी। इन सम्मेलनों में देश और विदेश के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा, जो इन शहरों में आईटी क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और सुझाव प्रदान करेंगे। इसके साथ ही, सरकार इन शहरों की ब्रांडिंग पर भी ध्यान देगी, ताकि ये शहर ग्लोबल आईटी हब के रूप में अपनी पहचान बना सकें।

भूमि बैंक और आईटी पार्कों का विकास-

आईटी हब के रूप में विकसित होने वाले इन शहरों में, भूमि बैंक का निर्माण किया जाएगा, जहां आईटी इकाइयों और स्टार्टअप्स को स्थापित किया जा सकेगा। इसके अलावा, आईटी पार्कों का विकास भी किया जाएगा, जहां पर आईटी कंपनियों को उच्चस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।

यूपी बनेगा ग्लोबल आईटी हब-

योगी सरकार की इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक ग्लोबल आईटी हब के रूप में स्थापित करना है। इसके तहत गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, और प्रयागराज को आईटी सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके अलावा, सरकार आईटी क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने, राज्य स्तरीय आईटी सलाहकार समिति के गठन, और तकनीकी सम्मेलनों के आयोजन जैसी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश को आईटी क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का प्रयास कर रही है।

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