बड़ी खबरें

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 5 ढेर; गोलीबारी जारी 8 घंटे पहले झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 नवजात जिंदा जले:39 बच्चों को खिड़की तोड़कर निकाला; डिप्टी सीएम के पहुंचने से पहले सफाई-चूना डाला 8 घंटे पहले अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता से 25 लाख की ठगी:बरेली में जूना अखाड़े के आचार्य ने सरकारी आयोग में अध्यक्ष बनवाने का लालच दिया 8 घंटे पहले अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता से 25 लाख की ठगी, बरेली में जूना अखाड़े के आचार्य ने सरकारी आयोग में अध्यक्ष बनवाने का दिया लालच 7 घंटे पहले सीसामऊ में डेढ़ घंटे का रोड शो शुरू, रथ पर सवार योगी पर पुष्पवर्षा, कमल निशान की साड़ी में दिखीं महिलाएं 3 घंटे पहले

एक्सपोर्ट हब से होगा विकास का नया दौर, यूपी के 11 जिलों में तैयार होंगे स्पेशल इकोनॉमिक जोन

Blog Image

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार और इससे जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। इसके तहत, यूपी एग्रीज परियोजना के माध्यम से जेवर एयरपोर्ट के समीप एक आधुनिक एक्सपोर्ट हब स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को विश्व बैंक की सहायता से संचालित किया जा रहा है।

यूपी एग्रीज परियोजना को मिली मंजूरी-

हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने यूपी एग्रीज परियोजना को स्वीकृति दी है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना और किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त करना है। जेवर एयरपोर्ट के पास बनने वाला यह एक्सपोर्ट हब मूंगफली, काला नमक चावल, तिल, सब्जियों जैसे उत्पादों के निर्यात में सहायक सिद्ध होगा।

11 जिलों में विकसित होंगे SEZ-

परियोजना के तहत राज्य के 11 जिलों में स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) विकसित किए जाएंगे। इनमें सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में काला नमक चावल के लिए, झांसी में मूंगफली, और ललितपुर में उरद के लिए SEZ की स्थापना होगी। सब्जियों के लिए जौनपुर, भदोही, बनारस, गाजीपुर, और बलिया में SEZ विकसित किए जाएंगे। इन SEZ के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न कृषि उत्पादों को निर्यात करने में तेजी आएगी।

किसानों के लिए 30,750 क्लस्टर का गठन-

किसान समूहों के सहयोग से 30,750 क्लस्टर भी विकसित किए जाएंगे, जो किसानों की सामूहिक खेती और उत्पादकता में सुधार के लिए मददगार साबित होंगे। इससे न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुँचने का अवसर भी मिलेगा।

उत्पादकता बढ़ाने के लिए 30-50% तक सुधार-

योजना के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में प्रमुख कृषि फसलों की उत्पादकता में 30 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए नई तकनीकों और खेती के उन्नत तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, जैविक खेती को भी विशेष प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे किसानों को न केवल अधिक आय प्राप्त होगी, बल्कि उनकी भूमि भी उर्वर रहेगी।

विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट मार्केट का निर्माण-

यूपी एग्रीज परियोजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट मार्केट की स्थापना की जाएगी। इससे किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और उन्हें अतिरिक्त आय के अवसर भी प्राप्त होंगे।

स्थानीय मौसम स्टेशनों की स्थापना-

किसानों को मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए राज्य भर में स्थानीय मौसम स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। इससे किसान मौसम की अनिश्चितताओं से निपटने में सक्षम होंगे और फसल के नुकसान को कम किया जा सकेगा।

मत्स्य पालन को मिलेगा बढ़ावा-

परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए भी विशेष कदम उठाए गए हैं। राज्य में विश्व स्तरीय हैचरी की स्थापना की जाएगी, जिससे मत्स्य पालन को और अधिक उत्पादक और लाभकारी बनाया जा सकेगा।

कृषि और औद्योगिक विकास की नई दिशा-

यूपी एग्रीज परियोजना न केवल किसानों की आय और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करेगी, बल्कि प्रदेश के औद्योगिक विकास को भी एक नई दिशा देगी। स्पेशल इकोनॉमिक जोन और एक्सपोर्ट हब के माध्यम से उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख निर्यात केंद्रों में से एक बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें